संसद में आज ‘वंदे मातरम्’ पर, और कल ‘एस आई आर’ पर होगी बहस
देश में चुनावी सूची की व्यापक पुनरीक्षण प्रक्रिया (एसआईआर) पर विपक्ष मंगलवार को बहस के लिए तैयार है। इस बहस का नेतृत्व विपक्ष के नेता राहुल गांधी करेंगे, लेकिन इससे एक दिन पहले सोमवार (आज) को लोकसभा में प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् पर होने वाली चर्चा की शुरुआत करेंगे। इसके जवाब की जिम्मेदारी कांग्रेस ने लोकसभा में विपक्ष के उप-नेता गौरव गोगोई और वायनाड से सांसद तथा पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी को सौंपी है।
राष्ट्रीय गीत पर 10 घंटे की बहस
लोकसभा ने सोमवार (8 दिसंबर) को “राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् की 150वीं वर्षगांठ पर चर्चा” का एजेंडा तय किया है और इसके लिए 10 घंटे निर्धारित किए गए हैं। संसद की यह बहस वंदे मातरम् की 150वीं वर्षगांठ के वर्षभर चलने वाले कार्यक्रमों का हिस्सा है। उल्लेखनीय है कि वंदे मातरम् को बंकिमचंद्र चटर्जी ने लिखा था और इसकी धुन जदुनाथ भट्टाचार्य ने बनाई थी। युवाओं और छात्रों में इस गीत के महत्व को उजागर करने के उद्देश्य से 7 नवंबर को प्रधानमंत्री ने वर्षभर चलने वाले कार्यक्रमों की शुरुआत की थी। इस अवसर पर उन्होंने कांग्रेस पर यह आरोप लगाया था कि 1937 में पार्टी ने गीत के महत्वपूर्ण बंद हटा दिए थे, जिससे विभाजन की नींव पड़ी। मंगलवार को राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बहस की शुरुआत करेंगे जबकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और राज्यसभा में सदन के नेता जेपी नड्डा वक्ताओं में शामिल होंगे।
कल एसआईआर पर बहस
लोकसभा में मंगलवार और बुधवार को चुनावी सुधारों पर चर्चा होगी, जिसमें इस विवादित विषय के सभी पहलू शामिल होंगे। विशेष रूप से मतदाता सूचियों के विशेष व्यापक पुनरीक्षण पर विपक्ष जोर देगा। राज्यसभा में यह चर्चा बुधवार और गुरुवार को होगी। गौरतलब है कि मानसून सत्र से ही विपक्ष चुनावी सुधारों पर बहस की मांग कर रहा था, लेकिन सरकार इसे टालती रही। मानसून सत्र में सरकार ने यह कहकर बहस से किनारा किया था कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है, इसलिए उसकी कार्यप्रणाली पर संसद में चर्चा नहीं की जा सकती। इसके जवाब में विपक्ष ने बताया था कि अतीत में इस विषय पर संसद में बहस होती रही है।
विपक्ष ने सदन एसआईआर का विरोध किया था
शीतकालीन सत्र में भी विपक्ष ने अपनी मांग जारी रखी। 1 दिसंबर को सत्र शुरू होते ही पहले दो दिनों में विपक्ष ने एस आई आर के विरोध में सदन की कार्यवाही चलने नहीं दी। ऐसा लग रहा था कि सरकार फिर से बहस को टालने की कोशिश करेगी, लेकिन विपक्ष के रुख को देखते हुए संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने पहले ही दिन संकेत दे दिया कि सरकार बहस के लिए तैयार है, हालांकि विपक्ष समय-सीमा तय नहीं कर सकता। लोकसभा में एसआईआर पर बहस का नेतृत्व राहुल गांधी करेंगे। वक्ताओं में केसी वेणुगोपाल, मनीष तिवारी, वर्षा गायकवाड़, मोहम्मद जावेद, अजय रमन सिंह, ईसा खान चौधरी, मल्लू रवि, इमरान मसूद, गोवाल पडावी और ज्योति मणि शामिल हैं। बहस के लिए 10 घंटे निर्धारित किए गए हैं। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल बुधवार को बहस का जवाब देंगे।
बहस के दौरान उम्मीद है कि राहुल गांधी “वोट चोरी” और चुनाव आयोग की जवाबदेही के मुद्दे को उठाएंगे। यह विषय उनकी हाल की राजनीतिक मुहिम का मुख्य हिस्सा रहा है। गांधी और विपक्ष ने बार-बार आरोप लगाया है कि मतदाता सूचियों में गड़बड़ी, चुनावी प्रक्रिया में हेरफेर और चुनाव आयोग की पक्षपातपूर्ण कार्रवाई के जरिए चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित किया जा रहा है। इस बारे में वे कई प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुके हैं।

