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पेपर लीक कांड के मास्टरमाइंड संजीव मुखिया की पत्नी हैं जेडीयू की पूर्व प्रत्याशी: आरजेडी

पेपर लीक कांड के मास्टरमाइंड संजीव मुखिया की पत्नी हैं जेडीयू की पूर्व प्रत्याशी: आरजेडी

बिहार की राजनीति और शिक्षा व्यवस्था में एक बार फिर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। हाल ही में सामने आए पेपर लीक कांड के मास्टरमाइंड संजीव मुखिया की पत्नी की पहचान जेडीयू (जनता दल यूनाइटेड) की पूर्व प्रत्याशी के रूप में हुई है। इस खुलासे ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है और सत्ताधारी पार्टी जेडीयू के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं।

आरजेडी (राष्ट्रीय जनता दल) ने इस मुद्दे को लेकर जेडीयू पर निशाना साधते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं। आरजेडी नेताओं का कहना है कि इस घटना ने जेडीयू के नेताओं नैतिकता और ईमानदारी पर सवाल खड़ा कर दिया है। आरजेडी प्रवक्ता ने कहा, “जेडीयू के नेताओं का असली चेहरा जनता के सामने आ गया है। यह घटना बताती है कि जेडीयू किस तरह से अपराधियों को बढ़ावा दे रही है।”

संजीव मुखिया, जो इस पेपर लीक कांड के मास्टरमाइंड माने जा रहे हैं, ने राज्य की शिक्षा प्रणाली को हिला कर रख दिया है। पेपर लीक की इस घटना से छात्रों और अभिभावकों में रोष है। कई छात्रों का भविष्य इस कांड के कारण अधर में लटक गया है। सरकार ने इस मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं और संजीव मुखिया समेत अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमें गठित की गई हैं।

जेडीयू ने इस मामले पर अपनी सफाई दी है। पार्टी के प्रवक्ता ने कहा, “हम इस घटना की कड़ी निंदा करते हैं। पार्टी का कोई भी सदस्य यदि इस तरह की गतिविधियों में संलिप्त पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हम कानून के साथ हैं और न्याय की मांग करते हैं।”

इस विवाद ने बिहार की राजनीति में गर्मी बढ़ा दी है। विपक्षी दलों ने इसे चुनावी मुद्दा बनाते हुए जेडीयू पर तीखे हमले किए हैं। आरजेडी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस मामले में सीधे जवाब देने की मांग की है। विपक्ष का आरोप है कि सरकार इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए है और आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रही है।

पेपर लीक कांड की यह घटना बिहार की शिक्षा व्यवस्था में सुधार की जरूरत को भी रेखांकित करती है। विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता और कड़ी निगरानी नहीं होगी, ऐसे कांड होते रहेंगे। सरकार को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

जेडीयू की पूर्व प्रत्याशी और संजीव मुखिया की पत्नी की इस मामले में संलिप्तता ने पार्टी की छवि को गहरा धक्का पहुंचाया है। जनता की नजर अब इस बात पर है कि सरकार और जेडीयू इस मामले में क्या कदम उठाते हैं और किस तरह से इस संकट से उबरते हैं।

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