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ट्रंप के नोबेल नामांकन पर ओवैसी ने असीम मुनीर और नेतन्याहू पर निशाना साधा 

ट्रंप के नोबेल नामांकन पर ओवैसी ने असीम मुनीर और नेतन्याहू पर निशाना साधा

 

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने डोनाल्ड ट्रंप को 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किए जाने पर पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष असीम मुनीर और इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की आलोचना की।
ओवैसी ने कहा, “आर्मी चीफ असीम मुनीर और इज़रायली पीएम नेतन्याहू दोनों मानते हैं कि, ट्रंप को शांति का नोबेल मिलना चाहिए। जबकि मुनीर, भारत में  आतंकवाद फैलाता  है और नेतन्याहू अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय का भगोड़ा है जिसने खुलेआम फिलिस्तीनियों की नस्लकुशी की है।”
एक्स (पूर्व ट्विटर) पर ओवैसी ने लिखा, “ये हैं अमेरिका के ‘यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ राइटर्स’। एक ज़ायोनिज़्म का इस्तेमाल मासूमों की हत्या के लिए करता है और दूसरा आतंकवाद का। दोनों को अमेरिका का समर्थन प्राप्त है।”
यह बयान नेतन्याहू द्वारा व्हाइट हाउस में ट्रंप से मुलाकात के बाद नोबेल समिति को पत्र लिखने के बाद आया है, जिसमें उन्होंने ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित करने की सिफारिश की। उन्होंने लिखा, “मैं अमेरिका के 45वें और 47वें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित करना चाहता हूं।” प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस पत्र की तस्वीर अपने एक्स अकाउंट पर साझा की।
नेतन्याहू ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने दुनिया भर में शांति, स्थिरता और सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए असाधारण प्रयास किए हैं, और मध्य पूर्व में उनकी कोशिशों ने बड़े बदलाव लाए हैं।
गौरतलब है कि जून 2025 में ईरान-इज़रायल संघर्ष के दौरान राष्ट्रपति ट्रंप ने ईरान पर सटीक हवाई हमलों का आदेश दिया था। ‘ऑपरेशन मिडनाइट हैमर’ के तहत नतंज, फोर्दो और इस्फहान स्थित तीन परमाणु ठिकानों पर हमले किए गए, जिसके बाद युद्धविराम लागू हुआ।
इसके जवाब में 23 जून को ईरान ने ‘ऑपरेशन एलान-ए-फतह’ के तहत क़तर स्थित अमेरिकी अल-उदीद एयरबेस को निशाना बनाया। हालांकि इस हमले में कोई हताहत नहीं हुआ। वॉर- सीज़फायर के दौरान ईरान ने इज़रायल पर दर्जनों मिसाइलें दागीं, जिसके बाद ट्रंप ने दोनों पक्षों की आलोचना की और नेतन्याहू से संयम बरतने की अपील की।
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