ओवैसी का दावा, लालू परिवार मान जाता तो तेजस्वी होते मुख्यमंत्री एआईएमआईएम के प्रमुख और हैदराबाद से तेजतर्रार सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने बिहार की राजनीति को लेकर बड़ा खुलासा किया है।
ओवैसी ने दावा करते हुए कहा है कि अगर लालू प्रसाद यादव के परिवार ने बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान उनकी बात मान ली होती तो आज तेजस्वी यादव बिहार के मुख्यमंत्री होते। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में ताल ठोंक रहे असदुद्दीन ओवैसी ने पिछले साल नवंबर में हुए बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर बड़ा खुलासा किया है।
उत्तर प्रदेश में एक ओर जहां राजनीतिक दलों के बीच सियासी गठजोड़ की बातें चल रही हैं वहीं बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान आरजेडी से गठजोड़ की बातों को लेकर खुलासा करते हुए ओवैसी ने कहा है कि बिहार चुनाव के दौरान लालू प्रसाद यादव के राष्ट्रीय जनता दल ने उनकी एक नहीं सुनी। राष्ट्रीय जनता दल उनकी बातें मान लेता तो आज बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में तेजस्वी यादव होते।
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मैंने इस संबंध में बात करने के बहुत प्रयास किए लेकिन सफलता नहीं मिल सकी और आज नतीजा सबके सामने है। जिस तेजस्वी यादव को बिहार का मुख्यमंत्री होना था वह विपक्ष में बैठे हैं। उत्तर प्रदेश चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को फायदा पहुंचाने से संबंधित सवाल का जवाब देते हुए ओवैसी ने कहा कि हमारे आने से भाजपा को फायदा नहीं होगा बल्कि नुकसान ही पहुंचेगा।
ओवैसी ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान आरजेडी ने हमारी बातें नहीं सुनी। अगर लालू परिवार हमारी बात मान लेता तो आज तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री का पद संभाल रहे होते। हमने इस बारे में राजद से बात करने का कई बार प्रयास किया लेकिन हमारी बात सुनी ही नहीं गई।
बता दें कि नवंबर 2020 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस, राजद, माकपा, भाकपा और भाकपा माले जैसे दलों ने महागठबंधन में रहकर चुनाव लड़ा था जबकि असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन [एआईएमआईएम] ने अकेले ही चुनाव लड़ा था।
ओवैसी की पार्टी ने बिहार विधानसभा चुनाव में सभी को चौंकाते हुए 5 सीटें जीती थीं। वहीँ बात करें राजद की तो वह 73 सीट जीतकर बड़े दल के रूप में उभरने के बाद भी विपक्ष में बैठने को मजबूर हुई।