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केजरीवाल सरकार में चर्चित ‘शीश महल’ मामले की जांच का आदेश

केजरीवाल सरकार में चर्चित ‘शीश महल’ मामले की जांच का आदेश

दिल्ली की सत्ता हाथ से निकलने के बाद अब आम आदमी पार्टी (APP) के संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ सकती है। केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) ने दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग को 6, फ्लैगस्टाफ रोड बंगले के विस्तार के लिए संपत्तियों के कथित विलय और इसके अंदरूनी हिस्से पर हुए खर्च की विस्तृत जांच करने का निर्देश दिया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता विजेंद्र गुप्ता ने शनिवार, 15 फरवरी को यह बात कही।

यह दिल्ली के सीएम का सरकारी आवास है। केजरीवाल पर आरोप है कि उन्होंने इसे आलीशान बनाने में कोई कमी नहीं छोड़ी। बीजेपी ने चुनाव में इसे शीश महल नाम दिया था। हालांकि अब बीजेपी शासित दिल्ली के भावी सीएम को भी इसी आवास में रहना होगा। यह बंगला 6, फ्लैग स्टाफ रोड पर स्थित है। बीजेपी इसे ‘शीशमहल’ कह रही है। यह नाम कथित भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है। केजरीवाल 2015 से अक्टूबर 2023 तक इस बंगले में रहे। AAP या केजरीवाल की तरफ से अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

विजेंद्र गुप्ता ने CVC में दो शिकायतें दर्ज कराई थीं। पहली शिकायत में उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल ने नियमों को ताक पर रखकर 40,000 वर्ग गज जमीन पर आलीशान बंगला बनवाया। इसके लिए राजपुर रोड के प्लॉट नंबर 45 और 47, जहां पहले वरिष्ठ अधिकारी और जज टाइप-V फ्लैटों में रहते थे, और फ्लैगस्टाफ रोड के दो बंगले (8-A और 8-B) को तोड़कर मिला दिया गया। गुप्ता के अनुसार, इस निर्माण में ग्राउंड कवरेज और फ्लोर एरिया रेश्यो के नियमों का उल्लंघन हुआ है और ले आउट प्लान की मंजूरी भी नहीं ली गई।

दूसरी शिकायत में गुप्ता ने बंगले की साज-सज्जा पर ‘फिजूलखर्ची’ का आरोप लगाया। उन्होंने ‘बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितता’ और करदाताओं के करोड़ों रुपये विलासितापूर्ण सुविधाओं पर खर्च करने का दावा किया। CVC ने इन शिकायतों पर PWD से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी थी। अब CVC ने PWD को विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं। यह मामला दिल्ली की राजनीति में गरमा सकता है। देखना होगा कि PWD की जांच में क्या सामने आता है। CVC की कार्रवाई से आम आदमी पार्टी पर दबाव बढ़ सकता है।

केजरीवाल और आप ने हमेशा भ्रष्टाचार के आरोपों का खंडन किया। केजरीवाल ने कहा था कि आरोपों को राजनीति के तहत लगाया गया है। केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया गया है। चुनाव के दौरान आप ने भी मोदी पर हमला करते हुए राजमहल का एनीमेटेड वीडियो जारी किया। अमित शाह के लिए आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए पोस्टर जारी किये गये। लेकिन आप मतदाताओं पर इन हमलों के जरिये कोई प्रभाव नहीं छोड़ पाई।

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