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हरिद्वार में पशु वध पर पूर्ण प्रतिबंध का आदेश स्थगित, क़ुर्बानी की स्वीकृति

हरिद्वार में पशु वध पर पूर्ण प्रतिबंध का आदेश स्थगित, क़ुर्बानी की स्वीकृति

उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने पूरे हरिद्वार जिले को ‘वध मुक्त क्षेत्र’ घोषित करने वाली राज्य सरकार की अधिसूचना पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा जारी निर्देश पर रोक लगा दी है और हरिद्वार में ईद-उल-अजहा के मौके पर कुर्बानी की इजाजत दे दी है। अपने आदेश में विपिन सिंह और न्यायमूर्ति आरसी खल्बे की खंडपीठ ने कहा है कि जानवरों का वध केवल ईद-उल-अज़हा के दिन नगर पालिका द्वारा स्वीकृत बूचड़खाने में ही किया जाना चाहिए।

ज्ञांत रहे की पिछले साल ३ मार्च को उत्तराखण्ड बीजेपी सरकार ने हरिद्वार ज़िले के शहरी स्थानीय निकायों (दो नगर निगम, दो नगर परिषद और पांच नगर पंचायत) को “वध-मुक्त क्षेत्र” घोषित किया था।

शहरी विकास विभाग का यह निर्देश कुंभ मेले से पहले आया है. क्षेत्र के भाजपा विधायक ने पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को पत्र लिखकर मांग की थी कि हरिद्वार जैसे धार्मिक शहर में बूचड़खानों की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। हरिद्वार के रहने वाले फ़ैसल हुसैन ने इस निर्देश के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील की थी।

हरिद्वार के रहने वाले फैसल हुसैन ने तर्क दिया कि था कि ईद-उल-अज़हा के दिन जानवरों की क़ुर्बानी इस्लाम में एक आवश्यक धार्मिक कार्य है और ईद-उल-अज़हा जैसे त्योहार के लिए मैंगलोर के बूचड़खानों में जानवरों की बलि की अनुमति दी जानी चाहिए। बूचड़खाने का निर्माण पिछले साल ही किया गया था, लेकिन पशु वध पर सरकार द्वारा लगाए गए पूर्ण प्रतिबंध के कारण यहां काम शुरू नहीं किया जा सका था।

फैसल हुसैन के वकील कार्तिकेय हरि गुप्ता ने नैनीताल कोर्ट को पिछले साल के ईद-उल-अजहा समारोह की एक फोटो दिखाई, जिसमें सभी प्रतिबंधों के बावजूद मंगलौर में खुली सड़कों पर बड़े पैमाने पर जानवरों की क़ुरबानी की जा रही थी।

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