वोटिंग डेटा गड़बड़ियों के खिलाफ आवाज उठाए विपक्ष : मल्लिकार्जुन खड़गे
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने INDIA ब्लॉक के अपने साथी दलों को एक चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में कहा गया है कि ये लोकसभा चुनाव ‘लोकतंत्र और बचाने की लड़ाई है। उन्होंने चुनाव आयोग के चिंताजनक रवैये के बारे में लिखते हुए कहा कि अंतिम मतदान प्रतिशत के आंकड़े जारी करने में हो रही अत्यधिक देरी और उस डेटा में पाई गई विसंगतियां इन चुनावों की स्वतंत्र और निष्पक्ष प्रकृति पर गंभीर संदेह पैदा कर रही है।
खड़गे ने 7 मई को सभी विपक्षी पार्टियों से अपील की है कि एक जीवंत लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए खड़े होने का समय है। मतदान डेटा ‘विसंगतियों’ के खिलाफ सामूहिक, एकजुट और स्पष्ट रूप से आवाज उठाने का समय आ गया है। खड़गे ने पत्र में लिखा है- “पहले और दूसरे चरण के लिए अंतिम मतदान प्रतिशत जारी करने में अत्यधिक देरी डेटा पर गंभीर सवाल खड़े करती है। मेरे 52 साल के चुनावी जीवन में, मैंने कभी भी अंतिम प्रकाशित आंकड़ों में मतदान प्रतिशत में इतनी अधिक वृद्धि नहीं देखी है। वैसे भी ये आंकड़े बहुत देर से आए हैं।“
पहले चरण का चुनाव 19 अप्रैल और दूसरे चरण का चुनाव 26 अप्रैल को हुआ था। लेकिन भारत के चुनाव आयोग ने इसका डेटा 30 अप्रैल को जारी किया और यह भी कहा कि ये फाइनल डेटा नहीं है। जबकि इससे पहले हुए किसी भी आम चुनाव में ऐसा नहीं हुआ था। विपक्षी दलों ने 30 अप्रैल को ही सवाल उठा दिया था। चुनाव आयोग ने 30 अप्रैल को जो डेटा जारी भी किया, उसमें तमाम तरह की विसंगतियां थीं। विपक्ष के आवाज उठाने के बाद चुनाव आयोग आज तक उसका उचित जवाब नहीं दे सका है।
चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, पहले चरण के मतदान में 66.14 प्रतिशत मतदान हुआ, जो 2019 के लोकसभा चुनाव में पहले चरण की तुलना में लगभग 4 प्रतिशत अंक की गिरावट है। इसी तरह, दूसरे चरण में 66.71 प्रतिशत मतदान हुआ, जो 2019 के चुनावों की तुलना में लगभग 3 प्रतिशत अंक की गिरावट दर्शाता है। खड़गे ने इसी बढ़ोतरी पर सवाल उठाया है। क्योंकि मतदान वाले दिन आयोग ने शाम 7 बजे तक का जो डेटा दिया था, उसमें मतदान प्रतिशत कुछ और था।
खड़गे ने पत्र में लिखा है- “हम आयोग से पूछते हैं – पहले चरण के लिए, मतदान की समाप्ति की तारीख (19 अप्रैल शाम 7 बजे) से लेकर मतदान डेटा के देरी (30 अप्रैल) से जारी होने तक अंतिम मतदान प्रतिशत में ~5.5% की वृद्धि क्यों हुई है? दूसरे चरण के लिए, मतदान समाप्त होने की तारीख (26 अप्रैल शाम 7 बजे) से डेटा जारी होने में देरी (30 अप्रैल) तक अंतिम मतदान में लगभग 5.74% से अधिक की वृद्धि हुई है?” खड़गे ने इन आंकड़ों पर हैरानी जताई।