बीजेपी के खिलाफ एकजुटता के लिए विपक्ष की बैठक ख़त्म
केंद्र से मोदी सरकार को सत्ता से बेदखल करने के मकसद से शुक्रवार को पटना में विपक्षी दलों की एक अहम बैठक हुई, जिसकी मेज़बानी नीतीश कुमार ने की, जिसमें विपक्ष की एकजुटता के साथ-साथ 2024 लोकसभा की जीत पर भी चर्चा हुई। यह बैठक सुबह 11 बजे से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सरकारी आवास स्थित ‘नाइके संवाद’ में शुरू हुई थी।
नीतीश कुमार की पहल पर होने वाली इस बैठक में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ़्ती और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी, उद्धव ठाकरे, उमर अब्दुल्ला, अरविंद केजरीवाल, संजय सिंह, भगवंत मान, शरद पवार, सुप्रिया सुले समेत देश के विभिन्न विपक्षी दलों के नेता मौजूद रहे। ऐसा पहली बार देखा गया जब मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी गठबंधन के लिए इतनी अहम और हंगामेदार बैठक हुई हो।
सूत्रों के अनुसार, शुक्रवार को होने वाली इस बैठक में इस बात पर चर्चा नहीं हुई कि अगर विपक्ष को केंद्र में सरकार बनाने का मौका मिलता है तो प्रधानमंत्री कौन होगा। बैठक में 2024 की लड़ाई में एक के खिलाफ एक फॉर्मूले को आगे बढ़ाने के संदर्भ में विपक्ष की एकजुटता पर चर्चा हुई।
मूल सिद्धांत तो यही होगा कि जिस राज्य में पार्टी बीजेपी को हराने की स्थिति में हो, वहां समूचे विपक्ष को एकजुट होकर उसका समर्थन करना चाहिए। इसके लिए अपने हित को नजरअंदाज कर बीजेपी को हराने का ख्याल रखना होगा और बीजेपी उम्मीदवार के मुकाबले मैदान में सिर्फ एक ही विपक्षी उम्मीदवार होना चाहिए। यह प्रयोग पहले भी किया जा चुका है और काफी सफल रहा है।
इस बीच, पटना में होने वाली इस बैठक के लिए पूरे शहर को सजा दिया गया था। जगह-जगह पोस्टर लगाकर विपक्षी नेताओं का स्वागत किया गया था। विपक्ष की बैठक में शामिल होने के लिए राहुल गाँधी मल्लिकार्जुन पटना, शरद पवार, केजरीवाल, उद्दव ठाकरे पटना पहुंचे। पटना एयरपोर्ट पहुँचने पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गाँधी का ज़ोरदार स्वागत किया था।
जो विपक्षी नेता पहुँच चुके थे उनमें सबसे प्रमुख नाम ममता बनर्जी का है जो गुरुवार को वहां पहुंचीं। इस बीच उन्होंने लालू प्रसाद यादव का पैर छूकर आशिर्वाद लिया था और उनके परिवार से खास मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि विपक्ष की बैठक का एजेंडा तय हो गया है और इस पर चर्चा होगी।
नीतीश कुमार के उद्घाटन भाषण से शुरू होने वाली इस बैठक में विपक्ष के दिग्गज नेता देश के ज्वलंत मुद्दों पर अपने विचार साझा करेंगे। इस संबंध में महंगाई, बेरोजगारी, धार्मिक नफरत को बढ़ावा देने और संवैधानिक संस्थाओं पर बीजेपी के कब्जे पर चर्चा की जाएगी। देशभर में जाति आधारित गणना कराने पर भी चर्चा होगी।
मामला सुलझने के बाद संयोजक का नाम भी तय किया जाएगा। गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पटना में विपक्षी गठबंधन की बैठक बुलाने का सुझाव दिया था। पहले इस बैठक की तारीख 12 जून तय की गई थी, लेकिन राहुल गांधी के देश से बाहर होने के कारण इसे टालना पड़ा।
बैठक में राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, शरद पवार, डी राजा, दीपांकर भट्टाचार्य, एमके स्टालिन, ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल, भगवंत मान, हेमंत सोरेन, अखिलेश यादव, उद्धव ठाकरे, महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला के शामिल हुए।