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मुख्तार अंसारी के निधन पर ओमप्रकाश राजभर ने बयान देने से इंकार किया

मुख्तार अंसारी के निधन पर ओमप्रकाश राजभर ने बयान देने से इंकार किया

मुख्तार अंसारी की बांदा जेल में हार्ट अटैक के बाद मौत हो गई। इस घटना के बाद पूरे प्रदेश में सनसनी मच गई है। मुख्तार अंसारी की मौत के बाद रायबरेली में धारा 144 लगाई गई है। मुस्लिमों की बहुलता वाले इलाकों में पुलिस का फ्लैग मार्च चल रहा है। पुलिस संदिग्ध वाहन और लोगों की चेकिंग कर रही है। ड्रोन कैमरे से उपद्रवियों पर नजर रखी जा रही है।

जुमे की नमाज को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। मस्जिदों के आसपास सुरक्षा के भारी इंतजाम हैं। सोशल मीडिया पर भी पुलिस टीम नजर रखी जा रही है। समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से लेकर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने मुख्तार की मौत पर सवाल खड़ा किया है, लेकिन सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर की ओर से भी कोई बयान सामने नहीं आया है।

सुभासपा अध्यक्ष और योगी सरकार में मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने मुख्तार अंसारी के निधन पर किसी प्रकार का बयान देने से इंकार कर दिया। ओम प्रकाश राजभर और मुख्तार दोस्त रहे हैं। मुख्तार के बेटे अब्बास अंसारी उनकी ही पार्टी से विधायक हैं। ऐसे में मीडिया के सवालों पर उन्होंने कहा कि मैं कुछ नहीं बोलूंगा। मेरी मां की तबीयत ठीक नहीं है।

मुख्तार अंसारी से करीबी रिश्ते की वजह से ही 2022 के विधानसभा चुनाव में ओम प्रकाश राजभर ने मुख्तार के बेटे अब्बास अंसारी को मऊ से टिकट दिया था। इसी सीट से मुख्तार अंसारी 1996 से 2017 तक विधायक रहे थे। पिता की सियासी विरासत को संभालते हुए अब्बास अंसारी ने जीत दर्ज की थी। जब राजभर का गठबंधन सपा के साथ था, तब वह कई बार अंसारी परिवार पर हो रही कार्रवाई का खुलकर विरोध करते थे, लेकिन अब वह खामोश हैं।

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