देश में गहरा सकता है तेल संकट, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में घटी पेट्रोल-डीजल की सप्लाई
पैट्रोल पंप कर्मचारियों को अपनी नौकरी से हाथ धोने का डर सता रहा है। उनका कहना है कि अगर हमारी नौकरी चली गई तो हम क्या करेगें ?हम इतने पढ़े लिखे भी नहीं हैं कि कोई दूसरी नौकरी कर पाएं।
देश मे कोयले की कमी के बाद अब पैट्रोल और डीज़ल मे भी भारी कमी देखने को मिल रही है एक्सपर्ट की बात मनी जाए तो यह संकट और ज़ियादा गेहराने वाला है खबरों के अनुसार मध्यप्रदेश और उस के पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में पेट्रोल और डीज़ल की स्प्लाई की कटौती से हालात घ्म्भीर हो सकते है। वहां के कई पेट्रोल पंप सूखने जैसी स्थिति में हैं और जिन पेट्रोल पंपों पर ईंधन है भी तो उनके पास केवल तीन-चार दिन का ही स्टॉक बाक़ी बचा है।
पेट्रोल पंप एसोसिएशन का कहना है कि केंद्र सरकार के पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी घटाने के बाद तेल कंपनियों ने सप्लाई मे कम कर दी है। अब अगर यह सप्लाई की सुविधा ठीक नहीं हुई तो आने वाले कुछ दिन के बाद स्थिति गंभीर हो सकती है। सबसे ज्यादा परेशानी डीजल को लेकर है। पेट्रोलियम डीलर्स का कहना है कि तेल कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल की सप्लाई करीब 40% तक घटा दी है, जिससे लगभग 1000 पंप सूख रहे हैं।
आपको बता दें कि मध्यप्रदेश में कुल 4900 पेट्रोल पंप हैं, जिसमें से राजधानी भोपाल में 152 पंप हैं। प्रदेश में हर दिन 2.77 करोड़ लीटर पेट्रोल-डीजल की ज़रूरत होती है। भोपाल में हर रोज साढ़े 9 लाख लीटर पेट्रोल और 12 लाख लीटर डीजल की खपत होती है। लेकिन अब इस कटौती के कारण लगभग 1000 पंप सूख रहे हैं।