आज़म खान पर 14 साल पुराने मामले में अब कसा शिकंजा उत्तर प्रदेश के दिग्गज सपा नेता एवं सांसद आजम खान की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं।
आज़म खान पर 14 साल पुराने एक मामले में अब शिकंजा कस दिया गया है। आज से लगभग 14 साल पहले विधानसभा चुनाव के प्रचार प्रसार के दौरान सपा सांसद आजम खान ने एससी वर्ग वाल्मीकि समाज के खिलाफ जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।
आज़म खान पर वाल्मीकि समाज के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में टांडा थाने में दर्ज हुए मुकदमे के सिलसिले में अब कोर्ट में आरोप तय कर दिए गए हैं। 2007 में हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान टांडा में जनसभा के बीच सपा नेता आजम खान ने उक्त टिप्पणी की थी।
आज़म खान की जनसभा के बाद बसपा नेता धीरज कुमार शील ने टांडा थाने में तहरीर देते हुए आज़म खान पर आरोप लगाते हुए कहा था कि उन्होंने जनसभा को संबोधित करते हुए वाल्मीकि समाज के खिलाफ जातिसूचक टिप्पणी एवं शब्दों का प्रयोग करते हुए वाल्मीकि समाज का अपमान किया था।
बसपा नेता धीरज कुमार ने आरोप लगाते हुए कहा था कि आज़म खान ने विभिन्न वर्गों के बीच दुश्मनी या नफरत पैदा करने, शत्रुता को बढ़ावा देने , जाति – धर्म और भाषा के आधार पर बांटने का प्रयास किया। पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी थी ।
आज़म खान के खिलाफ यह मामला चल रहा है सरकारी अधिवक्ता अरुण प्रकाश सक्सेना के अनुसार शनिवार को कोर्ट में इस मामले की तारीख थी। अदालत ने आज़म खान के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं। इस मामले पर अगली सुनवाई 11 नवंबर को होगी। इसके बाद गवाही की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।