अब बस नीरव मोदी-विजय माल्या का भाजपा में जाना बाकी: शिवसेना (यूबीटी)

अब बस नीरव मोदी-विजय माल्या का भाजपा में जाना बाकी: शिवसेना (यूबीटी)

उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के मुखपत्र सामना के नए संपादकीय में भाजपा और महाराष्ट्र सरकार पर भ्रष्टाचार और लूट में शामिल होने का आरोप लगाया। सामना में उद्धव शिवसेना ने कहा कि महाराष्ट्र में एक फिल्म चल रही है एक पूरा और दो आधा। इसका मतलब एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री और दो उप मुख्यमंत्रियों देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार से है।

शिवसेना (यूबीटी) ने बुधवार को भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि अब बस मेहुल चोकसी, नीरव मोदी और विजय माल्या को ही भाजपा में शामिल करना बाकी रह गया है। महाराष्ट्र में इन दिनों अजित पवार के शिंदे सरकार में शामिल होने के बाद से राजनीति गरमाई हुई है। एनसीपी और शिवसेना (यूबीटी) ने कई बार इसको लेकर भाजपा और केंद्र सरकार पर हमला बोला है।

इस कड़ी में शिवसेना (यूबीटी) ने बुधवार को भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि अब बस मेहुल चोकसी, नीरव मोदी और विजय माल्या को ही भाजपा में शामिल करना बाकी रह गया है। बता दें कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) नेता अजित पवार उपमुख्यमंत्री के रूप में महाराष्ट्र सरकार में शामिल हो गए हैं। आठ अन्य राकांपा नेताओं को भी मंत्री के रूप में शामिल किया गया है।

अजित पवार समेत एनसीपी के नौ में से चार नेता मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपों का सामना कर रहे हैं, जिनकी जांच प्रवर्तन निदेशालय कर रहा है। अजित पवार के अलावा, छगन भुजबल और हसन मुश्रीफ सहित आठ अन्य एनसीपी विधायकों ने एकनाथ शिंदे कैबिनेट में मंत्री पद की शपथ ली।

सामना के संपादकीय में दावा किया गया कि एनसीपी के इस बड़े घटनाक्रम के पीछे दिल्ली की सुपरपॉवर का हाथ है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए भ्रष्टाचार, नैतिकता और लूट कोई मुद्दा नहीं है। भाजपा ने महाराष्ट्र में जो किया है, उसके लिए उसका मजाक उड़ाया जा रहा है।

संपादकीय में कहा गया है कि 2014 के विधानसभा चुनाव से पहले, फडणवीस ने दावा किया था कि अजित पवार कथित सिंचाई घोटाले में जेल जाएंगे, लेकिन राकांपा नेता ने (रविवार को) उनकी उपस्थिति में उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। आज सीएम शिंदे के लिए यह दुखद स्थिति है।

सामना में चुटकी लेते हुए कहा गया है कि भाजपा में मेहुल चोकसी, नीरव मोदी और विजय माल्या को शामिल करना बाकी है। एक को पार्टी का राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष बनाया जाएगा, दूसरे को नीति आयोग में नियुक्त किया जाएगा और तीसरे को भारतीय रिजर्व बैंक का गवर्नर नियुक्त किया जाएगा।

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