भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में कोई भी कार्रवाई से बाहर नहीं होना चाहिए: पीएम मोदी
बिहार दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (22 अगस्त 2025) को विपक्ष पर जमकर निशाना साधते हुए कहा, एनडीए सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ एक ऐसा कानून लाई है, जिसके दायरे में देश का प्रधानमंत्री भी आता है। इस कानून में मुख्यमंत्री और मंत्री भी शामिल किए गए हैं।
उन्होंने पीएम-सीएम और मंत्रियों को 30 दिन तक गंभीर अपराधों वाले आरोप में जेल में रहने पर कुर्सी से हटा दिए जाने वाले नये कानून पर बयान देते हुए कहा, इस कानून के बनने के बाद अगर कोई मुख्यमंत्री, मंत्री या प्रधानमंत्री गिरफ्तार होता है तो उसे 30 दिन के भीतर जमानत लेनी होगी और अगर जमानत नहीं मिली तो 31वें दिन उसे कुर्सी छोड़नी पड़ेगी। मेरा साफ मानना है कि, अगर भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाना है तो कोई भी कार्रवाई से बाहर नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा, “इतने सालों में हमारी सरकार पर भ्रष्टाचार का एक भी दाग नहीं लगा, जबकि आजादी के बाद कांग्रेस की सरकारें जो 60–65 साल तक सत्ता में रहीं, उनके भ्रष्टाचारों की एक लंबी लिस्ट है। आरजेडी का भ्रष्टाचार तो बिहार का बच्चा-बच्चा जानता है।
नये कानून का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “आज कानून है कि अगर किसी छोटे सरकारी कर्मचारी को 50 घंटे तक हिरासत में रखा जाए तो वह अपने-आप निलंबित हो जाता है, लेकिन अगर कोई मुख्यमंत्री है, मंत्री है या प्रधानमंत्री है तो वह जेल में रहकर भी सत्ता का सुख पा सकता है। ये नियम प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्रियों पर क्यों नहीं लागू होना चाहिए?”
पीएम मोदी ने कहा, “हमने कुछ समय पहले ही देखा है कि कैसे जेल से ही फाइलों पर साइन किए जा रहे थे। जेल से ही सरकारी आदेश जारी किए जा रहे थे। नेताओं का अगर यही रवैया रहेगा तो भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई कैसे लड़ी जा सकती है?”

