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देश के आंतरिक मामलों में किसी का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं: राजनाथ सिंह

देश के आंतरिक मामलों में किसी का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं: राजनाथ सिंह

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि देश के आंतरिक मामलों में किसी की दख़लअंदाजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। विकसित राष्ट्र बनने की यात्रा में सरकार ने शांति और सुरक्षा की रक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि, देश का भविष्य हम खुद तय करेंगे और किसी भी बाहरी हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं किया जाएगा। वास्तव में भारत वैश्विक नेतृत्व के लिए तैयार है।

उन्होंने 17 सितंबर को तेलंगाना के सिकंदराबाद परेड ग्राउंड्स में केंद्र सरकार के हैदराबाद विलय दिवस समारोह के अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया। उन्होंने केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की परेड की सलामी ली और जुबली बस स्टेशन के पास कैंटोनमेंट पार्क में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा का अनावरण किया।

केंद्र सरकार ने घोषणा की थी कि 17 सितंबर को पूर्ववर्ती हैदराबाद राज्य के 1948 में भारत में विलय की वर्षगांठ को हैदराबाद मुक्ति दिवस के रूप में मनाया जाएगा।

समारोह को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने हैदराबाद की आज़ादी के इतिहास का उल्लेख करते हुए कहा कि, सरदार पटेल का संकल्प हमारे लिए मिसाल है। रक्षामंत्री ने कहा, ‘‘हैदराबाद ने 15 अगस्त 1947 को भारत की आज़ादी के बाद 13 महीने तक स्वतंत्रता नहीं पाई और निज़ाम के शासन में रहा। 17 सितंबर 1948 को ‘ऑपरेशन पोलो’ के बाद यह क्षेत्र आज़ाद हुआ।’’

इस अवसर पर केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि, अगर इरादा मजबूत हो तो लक्ष्य अवश्य प्राप्त किया जा सकता है, जिसकी मिसाल ऑपरेशन पोलो है। उन्होंने इस बात पर खुशी जताई कि उनकी मंत्रालय के तत्वावधान में ये कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी बीआरएस ने इस दिन को ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के रूप में मनाया, जबकि वामपंथी दलों ने इसे ‘तेलंगाना सशस्त्र संघर्ष दिवस’ के रूप में मनाया।

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