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नितिन गडकरी ने कांग्रेस द्वारा साझा किए गए वीडियो क्लिप और ट्वीट को फर्जी बताया

नितिन गडकरी ने कांग्रेस द्वारा साझा किए गए वीडियो क्लिप और ट्वीट को फर्जी बताया

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी महासचिव जयराम रमेश को कानूनी नोटिस भेजा है। नितिन गडकरी का आरोप है कि कांग्रेस ने उनके एक इंटरव्यू से 19 सेकेंड की क्लिप को तोड़-मरोड़ को सोशल मीडिया पर शेयर किया है। गडकरी ने आरोप लगाया है कि वीडियो क्लिप से उनकी और भाजपा की प्रतिष्ठा प्रभावित हुई है। दोनों नेताओं ने संपादित इंटरव्यू क्लिप सोशल मीडिया पर शेयर की। दोनों के शेयर करने के बाद वीडियो क्लिप वायरल हो गई।

आइये जानते हैं क्या है पूरा मामला?
पहले आपको पूरी बात बताते हैं। दरअसल केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक निजी चैनल को इंटरव्यू दिया था। लगभग 1 घंटा 20 मिनट लंबे इस इंटरव्यू से कांग्रेस ने 19 सेकेंड की एक क्लिप निकालकर सोशल मीडिया पर शेयर कर दी। कांग्रेस ने वीडियो शेयकर करते हुए लिखा कि आज गांव, गरीब, मज़दूर और किसान दुखी हैं।

गावों में अच्छे रोड नहीं, पीने के लिए शुद्ध पानी नहीं, अच्छे अस्पताल नहीं, अच्छे स्कूल नहीं हैं। वीडियो में भी गडकरी को यही कहते हुए सुना गया लेकिन यह पूरा सच नहीं था। कांग्रेस ने उसी वीडियो से यह अंश निकालकर ट्वीट किया और लिखा कि यह मोदी सरकार के मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है। इस वीडियो के वायरल होते ही हंगामा मच गया। इसकी खबर नितिन गडकरी को भी लगी। 66 वर्षीय मोदी सरकार में मंत्री गडकरी ने कांग्रेस से 24 घंटे के अंदर पोस्ट हटाने और तीन दिन में लिखित माफी मांगने की मांग की है।

गडकरी के अनुसार, कांग्रेस नेताओं ने जानबूझकर उनके इंटरव्यू के एक चुनिन्दा हिस्से को हिंदी कैप्शन के साथ पोस्ट किया। कानूनी नोटिस में यह भी कहा गया है कि ‘यह भाजपा की एकजुटता में दरार पैदा करने का एक निरर्थक प्रयास भी है जबकि भाजपा आम चुनाव जीतने के लिए तैयार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आगामी आम चुनाव में लोगों का विश्वास हासिल कर लड़ा जाएगा।”

गडकरी का कहना है कि कांग्रेस ने उनके इंटरव्यू के असल मतलब और संदर्भ को छिपाकर यह क्लिप सोशल मीडिया पर पोस्ट की है। उन्होंने यह भी दावा किया कि यह कुटिल कार्य सिर्फ उन्हें बदनाम करने और भ्रम फैलाने के उद्देश्य से किया गया है। बहरहाल, मुद्दा गरमाने पर नितिन गडकरी के कार्यालय ने पीआईबी के फैक्ट चेक को साझा किया है और कांग्रेस द्वारा साझा किए गए वीडियो क्लिप और ट्वीट को फर्जी बताया है।

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