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अपनी नेतृत्व क्षमता साबित करने के लिए नेतन्याहू का मोदी से रिश्तों का हवाला

अपनी नेतृत्व क्षमता साबित करने के लिए नेतन्याहू का मोदी से रिश्तों का हवाला

इज़रायल के प्रधानमंत्री ने विपक्ष के इस दावे को खारिज कर दिया कि, इज़रायल की अंतरराष्ट्रीय साख गिर रही है। उनका कहना था कि हमास के साथ दो वर्ष की लड़ाई के बावजूद देश कूटनीतिक, सैन्य और आर्थिक रूप से वैश्विक मंच पर एक प्रभावी खिलाड़ी बना हुआ है।

प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इज़रायली संसद (कनेस्सेट) में एक भावनात्मक भाषण देते हुए कठिन समय में अपने नेतृत्व का बचाव किया और कहा कि यहूदी राज्य के खिलाफ बढ़ती यहूदी-विरोधी लहर के बावजूद वे कई देशों और विश्व नेताओं, जिनमें भारत के प्रधानमंत्री मोदी भी शामिल हैं, का समर्थन प्राप्त करने में सफल रहे हैं।

वह “40 सिग्नेचर डिबेट” के दौरान बोल रहे थे, जो एक संसदीय प्रक्रिया है जिसके माध्यम से विपक्ष, प्रधानमंत्री को मासिक आधार पर कनेस्सेट के मंच पर उपस्थित होने के लिए बाध्य कर सकता है। नेतन्याहू ने विभिन्न क्षेत्रों, जिनमें इज़रायल के विदेश संबंध भी शामिल हैं, पर अपनी सरकार की नीतियों का जोरदार बचाव किया। उन्होंने दावा किया कि “इज़रायल आज पहले से कहीं अधिक मजबूत है।”

इज़रायली प्रधानमंत्री ने विपक्ष के इस आरोप को भी खारिज किया कि “इज़रायल की अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा का ह्रास हो रहा है।” उन्होंने कहा कि हमास के साथ दो साल लंबी लड़ाई के बावजूद देश कूटनीतिक, सैन्य और आर्थिक रूप से अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक प्रमुख शक्ति है।

नेतन्याहू ने वैश्विक नेताओं के साथ अपने रिश्तों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इज़रायल पहले से कहीं अधिक मजबूत है, मध्य पूर्व की सबसे शक्तिशाली ताकत है और कुछ क्षेत्रों में एक वैश्विक शक्ति भी है। उन्होंने इसका श्रेय अपनी नेतृत्व क्षमता को दिया।

इस दौरान नेतन्याहू ने अपनी कूटनीतिक सफलताओं को जर्मन चांसलर की यात्रा से जोड़ा और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपने संबंधों का उल्लेख किया। उन्होंने यह भी कहा कि जल्द ही दोनों नेताओं की मुलाकात होने की संभावना है। बाद में अपने बचाव को आगे बढ़ाते हुए नेतन्याहू ने इज़रायल के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग पड़ने के दावे का मजाक भी उड़ाया। उनका कहना था कि वह अमेरिका की छठी यात्रा करने वाले हैं, जो किसी भी वैश्विक नेता से अधिक है।

नेतन्याहू ने जोर देकर कहा कि जरूरत पड़ने पर अमेरिका, इज़रायल के साथ खड़ा होता है। इज़रायल से बेहतर अमेरिका का कोई सहयोगी नहीं है और अमेरिका से बेहतर इज़रायल का कोई सहयोगी नहीं है। गौरतलब है कि नेतन्याहू चुनाव अभियानों के दौरान लंबे समय से वैश्विक नेताओं के साथ अपने व्यक्तिगत संबंधों को प्रमुखता देते रहे हैं और अक्सर लिकुड पार्टी के मुख्यालय में ट्रम्प, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और मोदी के साथ अपनी मुलाकातों की तस्वीरें दिखाते हैं।

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