नीट मामला: अगर गलती की है तो उसे स्वीकार भी कीजिए: सुप्रीम कोर्ट

नीट मामला: अगर गलती की है तो उसे स्वीकार भी कीजिए: सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली: लाइव लॉ के अनुसार आज सुप्रीम कोर्ट ने नीट के मामले की सुनवाई के दौरान नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) और केंद्र से कहा है कि नीट परीक्षा के लिए उम्मीदवारों की मेहनत को ध्यान में रखते हुए इसमें 0.001% भी लापरवाही नहीं बरती जा सकती। इस संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस विक्रम नाथ और एस वी भट्टी की वेकेशन बेंच ने नीट परीक्षा के पेपर, कई छात्रों को समय की कमी के कारण ग्रेस मार्क्स देने और अन्य अनियमितताओं के बारे में दायर याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान यह बातें कही हैं।

गौरतलब है कि नीट की परीक्षा अंडरग्रेजुएट मेडिकल कोर्सेस में एडमिशन के लिए दी जाती है। इस साल यह परीक्षा 5 मई को आयोजित की गई थी और इसके परिणाम 10 दिन पहले यानी 4 जून को चुनाव परिणामों के दिन जारी किए गए थे। परिणाम जारी होने के बाद पहली बार कई छात्रों ने 720 अंक प्राप्त किए थे। एनटीए के अनुसार इन छात्रों को समय की कमी के कारण ग्रेस मार्क्स दिए गए थे। हालांकि, छात्रों के अनुसार कई स्थानों पर नीट के पेपर लीक भी हुए थे।

सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि “परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था के रूप में (एनटीए और केंद्र) आप दोनों जैसे ही अदालत में प्रवेश करते हैं आपका ध्यान नहीं भटकना चाहिए। अगर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने कोई गलती की है तो उसे अपनी गलती स्वीकार करनी चाहिए। एनटीए को राष्ट्रीय विश्वास बनाए रखने के लिए सक्रिय रूप से कार्रवाई करनी चाहिए।अदालत ने सुनवाई के दौरान आगे कहा कि “आपको दृढ़ रहना चाहिए। अगर गलती हुई है तो हुई है और यह बताना चाहिए कि हम यह कार्रवाई करने वाले हैं जिससे लोगों को आपकी कार्रवाई पर विश्वास पैदा होगा।”

बेंच ने कहा कि वे उम्मीदवार जो परीक्षा के दौरान धोखाधड़ी में शामिल होते हैं और डॉक्टर बनते हैं, वे समाज के लिए अधिक हानिकारक हैं। हम उस मेहनत से अवगत हैं जो उम्मीदवारों ने नीट की परीक्षा के लिए की है। गौरतलब है कि पिछले सप्ताह केंद्र ने अदालत से कहा था कि उन्होंने 1,563 छात्रों के ग्रेस मार्क्स रद्द किए हैं जिन्हें समय की कमी के कारण ग्रेस मार्क्स दिए गए थे। 8 जून को एनटीए द्वारा नीट की अनियमितताओं की जांच के लिए गठित समिति ने अन्य छात्रों के भय को समाप्त करने के लिए यह फैसला किया था।

एजेंसी ने बताया कि “समय की कमी के कारण 1,563 छात्रों को ग्रेस मार्क्स देने के परिणामस्वरूप ‘खराब हालात’ सामने आए हैं। याद रहे कि शुक्रवार को गुजरात पुलिस ने गोधरा के नीट परीक्षा केंद्र से नीट के परीक्षाओं में सेंटर से कथित भ्रष्टाचार के लिए 5 व्यक्तियों को हिरासत में लिया था। इस बीच बिहार पुलिस ने कहा था कि नीट परीक्षाओं में कथित अनियमितताओं की जांच ‘पेपर लीक’ का संदेह प्रकट करती है।

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