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मोदी कैबिनेट में एनसीपी (अजित पवार) गुट को नहीं मिलेगी जगह

मोदी कैबिनेट में एनसीपी (अजित पवार) गुट को नहीं मिलेगी जगह

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी का तीसरा कार्यकाल रविवार से शुरू होगा। मोदी सरकार 3.0 का शपथ ग्रहण समारोह शाम को हो रहा है। कैबिनेट विस्तार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सभी दलों को शामिल किया गया है, लेकिन अजित पवार की पार्टी एनसीपी से किसी को फोन नहीं आया है। अभी तक किसी का नाम सामने नहीं आया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज जब लोक कल्याण मार्ग स्थित आवास पर संभावित मंत्रियों के साथ बैठक की तो इसमें एनसीपी की ओर से कोई मौजूद नहीं था। बताया जा रहा है कि केंद्र की नई सरकार में शामिल होने के लिए कोई कॉल न आने से NCP प्रमुख अजित पवार के नाराज हैं।

बता दें कि एनसीपी से दो लोग सांसद हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल राज्यसभा में सांसद हैं, जबकि सुनील तटकरे लोकसभा से चुने गए हैं। सूत्रों ने बताया कि इन दोनों नेताओं ने मंत्री पद के लिए एक-दूसरे पर दावा ठोका है। लेकिन दोनों में से कौन मंत्री होगा? इस संबंध में आम सहमति नहीं बन सकी। सूत्रों ने बताया कि इसी वजह से एनसीपी ने कॉल का जवाब नहीं दिया।

प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे के बीच चल रहे विवाद को सुलझाने के लिए एनसीपी नेताओं ने तटकरे के दिल्ली स्थित आवास पर बैठक की। इस बैठक में एनसीपी नेता अजित पवार, सुनील तटकरे, प्रफुल्ल पटेल, छगन भुजबल और बीजेपी नेता देवेंद्र फड़णवीस मौजूद रहे। सुनील तटकरे के आवास पर डेढ़ घंटे की बैठक हुई। उस बैठक में दोनों नेताओं के बीच विवाद को सुलझाने पर चर्चा हुई थी। लेकिन अंत तक कोई समाधान नहीं निकला। डेढ़ घंटे की बैठक के बाद अजित पवार, देवेंद्र फड़णवीस बैठक से बाहर चले गए।

उधर, शरद पवार गुट की एनसीपी के नेता रोहित पवार ने अजित पवार पर तंज कसा है। उन्होंने कहा, ”अजित दादा की ताकत कम कर दी गई है। बीजेपी संदेश देना चाहती है कि हमें आपका फायदा नहीं हुआ। अजित दादा को बीजेपी से आगे चलकर बीजेपी के चिन्ह पर लड़ना होगा। दादा के साथ प्रफुल्ल पटेल का सबसे ज्यादा फायदा हुआ है। ED की जांच भी बंद हुई और राज्यसभा भी मिली।

बता दें कि अजित पवार शुक्रवार (7 जून) को दिल्ली में एनडीए की बैठक में शामिल हुए थे और इस दौरान उन्होंने मंच से कहा था कि एनडीए के नेता के तौर पर पीएम मोदी का समर्थन करते हैं। गौरतलब है कि महाराष्ट्र में महायुति को इस बार के चुनाव में काफी नुकसान हुआ है। इस गठबंधन में शामिल बीजेपी को 9 सीट मिली है, जबकि एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना को 7 सीट और वहीं अजित पवार गुट की एनसीपी को महज एक सीटें मिली हैं। जबकि कांग्रेस की अगुवाई वाली महाविकास अघाड़ी को चुनाव में 30 सीटों पर जीत मिली है।

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