नवीन पटनायक के करीबी पांडियन ने BJD की हार की जिम्मेदारी लेते हुए राजनीति से संन्यास लिया
ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री और BJD अध्यक्ष नवीन पटनायक के सहयोगी वीके पांडियन ने सक्रिय राजनीति से संन्यास का ऐलान कर दिया है। पांडियन ने 9 जून को एक वीडियो के जरिए इस बात की जानकारी दी है। ओडिशा में BJD की करारी हार के बाद से ही पांडियन लगातार आलोचनाओं का सामना कर रहे थे। BJD कार्यकर्ताओं की तरफ से पार्टी के खराब प्रदर्शन के लिए उन्हें जिम्मेदार माना जा रहा था।
वीके पांडियन न तो 5 जून को नवीन पटनायक के साथ इस्तीफा देने के लिए राजभवन गए और न ही उनके आवास पर हुई पार्टी नेताओं की मीटिंग में शामिल हुए थे। उन्होंने वीडियो जारी कर कहा, “मेरा राजनीति जॉइन करने का मकसद सिर्फ और सिर्फ नवीन बाबू (पटनायक) को सहयोग करना था। अब मैंने सक्रिय राजनीति छोड़ने का फैसला किया है।
वीके पांडियन ने कहा, “अगर इस यात्रा में मेरे से कोई गलती हुई तो मैं उसके लिए माफी चाहता हूं। मेरे खिलाफ चलाए गए नैरेटिव अभियान से बीजेडी को चुनाव में नुक़सान हुआ तो मैं इसके लिए पूरे बीजेडी परिवार से माफी चाहता हूं। बीजेडी के लाखों कार्यकर्ताओं को शुभकामनाएं।
हाल ही में पांडियान तब चर्चा में आए थे जब एक चुनावी रैली के दौरान उन्होंने नवीन पटनायक के हाथ को पोडियम के नीचे कर दिया था। दरअसल नवीन पटनायक के रैली के भाषण का वीडियो वायरल हुआ था। भाषण देते वक़्त उनका बायां हाथ कांपते हुए दिखा। उनके साथ स्टेज पर पांडियन खड़े थे। उनकी नज़र कांपते हुए हाथ पर पड़ी, तो वो फ़ौरन आगे बढ़े और उन्होंने नवीन पटनायक के कांपता हाथ को पोडियम के नीचे छिपा दिया। इस एक वीडियो से राज्य की राजनीति में पर्दे हिलने लगे थे। विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी ने BJD और पांडियन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था।
बताते चलें कि ओडिशा की 147 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने 78 सीटों पर जीत दर्ज की थी। जबकि BJD को 51 सीटें मिली थी। वहीं कांग्रेस ने 14 सीटों पर जीत हासिल की थी। जबकि राज्य की 21 लोकसभा सीटों में 20 पर BJP और एक पर कांग्रेस को जीत मिली। लोकसभा चुनावों में BJD का खाता भी नहीं खुला था।