जम्मू कश्मीर में राज्यसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस का तीन सीटों पर क़ब्ज़ा
जम्मू-कश्मीर में राज्यसभा चुनाव के नतीजे घोषित हो गए हैं, जिसमें कुल चार सीटों में से तीन सीटों पर नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) ने जीत हासिल की है, जबकि एक सीट भाजपा (BJP) के खाते में गई। नेशनल कॉन्फ्रेंस के उम्मीदवार चौधरी मोहम्मद रमजान, जी एस ओबेरॉय उर्फ़ शम्मी ओबेरॉय और सज्जाद किचलू ने शानदार जीत दर्ज की। भाजपा के उम्मीदवार सतपाल शर्मा भी एक सीट जीतने में सफल रहे।
इस चुनाव से पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी ने अपने विधायकों को सुनिश्चित करने के लिए तीन-लाइन व्हिप जारी किए थे। इसका उद्देश्य यह था कि उनके सभी विधायक सत्तारूढ़ पार्टी के उम्मीदवारों के पक्ष में मतदान करें। पीडीपी और कांग्रेस दोनों ने खुलकर नेशनल कॉन्फ्रेंस को समर्थन देने की घोषणा की थी। इस सहयोग ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के लिए जीत की संभावनाओं को और मजबूत किया।
राज्यसभा चुनाव के इस नतीजे ने जम्मू-कश्मीर की राजनीतिक तस्वीर को स्पष्ट कर दिया है। नेशनल कॉन्फ्रेंस की इस बड़ी जीत से यह संकेत मिलता है कि राज्य में उनकी पकड़ अब भी मजबूत है और उन्हें सत्तारूढ़ पार्टी के रूप में व्यापक समर्थन प्राप्त है। दूसरी ओर, भाजपा ने एक सीट जीत कर राज्य में अपनी उपस्थिति बनाए रखने की कोशिश की है, लेकिन नेशनल कॉन्फ्रेंस के बहुमत के सामने उसका प्रभाव सीमित रहा।
विशेषज्ञों के अनुसार, नेशनल कॉन्फ्रेंस की यह जीत उनकी रणनीति और गठबंधन सहयोग की सफलता का परिणाम है। पीडीपी और कांग्रेस का समर्थन ने पार्टी को जीत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस चुनाव का परिणाम राज्य में राजनीतिक संतुलन और आगामी नीतिगत फैसलों पर भी असर डाल सकता है।
राज्यसभा के इस चुनाव में मिली जीत ने नेशनल कॉन्फ्रेंस को संसद में अपनी ताकत बढ़ाने का अवसर दिया है। इसके साथ ही यह जीत पार्टी के लिए जनता और सहयोगियों के बीच विश्वास बढ़ाने का भी संकेत है। भाजपा की एक सीट जीत ने यह दिखाया कि पार्टी की राजनीतिक सक्रियता अभी भी मौजूद है, लेकिन नेशनल कॉन्फ्रेंस की व्यापक सफलता के सामने उसका दबदबा सीमित रहा। इस प्रकार, जम्मू-कश्मीर के राज्यसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस की बड़ी जीत ने राज्य की राजनीति में अपना प्रभाव स्पष्ट कर दिया है और सत्तारूढ़ पार्टी की स्थिति मजबूत बनी हुई है।

