मणिपुर आतंकी हमले में सामने आया पीएलए का नाम, एमएनपीएफ ने ज़िम्मेदारी ली मणिपुर में सैन्य बलों पर हुए हमले में आतंकवादी संगठन पीपुल्स लिबरेशन आर्मी का नाम सामने आ रहा है।
मणिपुर आतंकी हमले में शामिल पीपुल्स लिबरेशन आर्मी पर पहले भी ऐसे हमलों में शामिल होने के आरोप लगते रहे हैं।
पीपुल्स लिबरेशन आर्मी का गठन 1978 में हुआ था। कहा जाता है कि इस संगठन के साथ 4000 से अधिक लड़ाके जुड़े हुए हैं। शनिवार को हुए आतंकी हमले को मणिपुर के इतिहास का अब तक का सबसे घातक हमला कहा जा रहा है।
पीपुल्स लिबरेशन आर्मी पिछले कई सालों से मणिपुर को अलग देश बनाने की मांग के साथ लड़ रहा है। जब जब इस संगठन को अपनी ताकत दिखानी होती है वह भारतीय सेना, अर्धसैनिक बलों एवं राज्य पुलिस के जवानों को निशाना बनाता रहा है।
मणिपुर में इस समय आधा दर्जन से भी अधिक आतंकवादी है समूह सक्रिय हैं इन आतंकी संगठनों के अधिकतर अड्डे म्यांमार में मौजूद हैं।
मणिपुर में हुए इन हमलों की जिम्मेदारी हालाँकि एमएनपीएफ में ली है। मणिपुर नागा पीपुल्स फ्रंट ने एक नोट जारी करते हुए कहा है कि हम इस बात से अनजान थे कि इस काफिले में कर्नल की पत्नी और बच्चा भी शामिल है।
एमएनपीएफ ने एक नॉट जारी करते हुए कहा है कि हम सेना के जवानों को नसीहत देते हैं कि ऐसी जगहों पर परिवार को लेकर ना आए जिन्हें आपकी सरकार भी संवेदनशील मानती है।
याद रहे कि शनिवार को फारवर्ड कैंप से वापस पलट रहे कर्नल विप्लव त्रिपाठी के काफिले पर हुए आतंकी हमले में उनकी पत्नी और बेटे समेत पांच अन्य जवान भी शहीद हो गए थे।
म्यांमार से लगी मणिपुर की सीमा को काफी संवेदनशील माना जाता है। यहां सक्रिय आतंकवादी संगठनों को चीन का समर्थन भी हासिल है। आतंकी हमले में शामिल आतंकियों के म्यांमार भाग जाने की आशंका के बीच सेना ने निगरानी बढ़ा दी है।
भारतीय सेना ने 2015 में म्यांमार में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की थी। एक बार फिर इस बात की संभावना जताई जा रही है कि अपने शहीदों का बदला लेने के लिए भारतीय सेना आतंकियों के खिलाफ कोई कठोर कार्यवाही कर सकती है।