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बदलापुर कांड पर बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश के बाद एमवीए ने बंद को प्रदर्शन में बदला

बदलापुर कांड पर बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश के बाद एमवीए ने बंद को प्रदर्शन में बदला

ठाणे जिले के बदलापुर के एक स्कूल में दो किंडरगार्टन लड़कियों का यौन उत्पीड़न की घटना सामने आने के बाद राज्य में गुस्से की लहर है। जनता को एफआईआर कराने के लिए प्रदर्शन करना पड़ा। शनिवार के शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन में एमवीए के सभी सहयोगियों से संबंधित बड़ी संख्या में स्थानीय नेताओं ने भाग लिया। महाराष्ट्र विकास अघाड़ी ने शनिवार को बदलापुर कांड के मुद्दे पर राज्य बंद का आह्वान किया था। लेकिन हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा दी और कहा कि सिर्फ विरोध प्रदर्शन किया जा सकता है, बंद नहीं। इसके बाद एमवीए ने बंद को प्रदर्शन में बदल दिया।

महा विकास अघाड़ी (एमवीए) द्वारा महाराष्ट्र बंद का आह्वान वापस लेने के बाद, गठबंधन नेता एनसीपी (एसपी) प्रमुख शरद पवार ने शनिवार को बदलापुर यौन शोषण मामले और लड़कियों के खिलाफ बढ़ते अपराध के खिलाफ पुणे में एक मौन विरोध प्रदर्शन में भाग लिया। पवार ने बेटी सुप्रिया सुले के साथ मुंह पर काली पट्टी बांधकर पुणे कलेक्टर कार्यालय के पास बाबासाहेब अंबेडकर प्रतिमा पर प्रदर्शन में भाग लिया, जबकि कुछ एमवीए नेताओं ने महात्मा गांधी के लोकप्रिय भजन ‘रघुपति राघव राजाराम.., सबको सन्मति दे भगवान..’ का जाप किया।

बता दें कि, बॉम्बे हाई कोर्ट ने शनिवार के राज्यव्यापी बंद के आह्वान को असंवैधानिक घोषित कर दिया था क्योंकि बंद से जनता का सामान्य जीवन प्रभावित हो जाता।

इसके बाद पवार ने एमवीए नेताओं से संविधान के सम्मान में बंद का आह्वान वापस लेने का आग्रह किया क्योंकि अदालत एक संवैधानिक संस्था है। बाद में उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया था कि बंद बदलापुर के एक स्कूल में बच्चियों पर यौन उत्पीड़न की वीभत्स घटना पर अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के नागरिकों के मौलिक अधिकारों को बंद करता है और राज्य सरकार को राज्य में ऐसे बढ़ते अपराधों के प्रति गंभीर बनाता है।

शिवसेना (यूबीटी), एनसीपी (एसपी) और कांग्रेस सहित एमवीए सहयोगियों ने सुबह लाल महल से अलका चौक तक एक रैली निकालने की योजना बनाई थी, लेकिन अदालत के निर्देश के बाद इसे रद्द कर दिया गया। महाराष्ट्र के अन्य शहरों में भी एमवीए दलों के नेताओं कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किए।

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