मुस्लिम महिला पर्सनल लॉ बोर्ड को चार वर्गों में बांटा गया
प्रोफेसर मूनिसा बुशरा आब्दी, उज़मी आलम, आतिया सिद्दीका और उम्मतुल वहीदा फ़ाख़ेरा अतीक को अलग-अलग वर्गों के संयोजक के रूप में नियुक्त किया गया है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी हजरत मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी साहब ने अपने प्रेस बयान में कहा कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड मिल्लत इस्लामिया इंडिया का एकीकृत संगठन है।
इस संस्था का एक उज्ज्वल और शानदार इतिहास रहा है और अभी भी अपने बुज़ुर्गों बड़ों द्वारा स्थापित मार्गों पर काम कर रहा है, बोर्ड ने कुरान और सुन्नत की रोशनी में शरीयत की सुरक्षा और घरेलू मामलों के निपटारे के साथ-साथ सामाजिक सुधार पर विशेष ध्यान दिया है।
देश भर में दारुल-क़ज़ा स्थापित करने का प्रयास किया गया और अल्हम्दुलिल्लाह, वर्तमान में देश भर में 80 से अधिक स्थानों पर दारुल-क़ज़ा स्थापित हैं और उनकी लगातार निगरानी की जाती है। इसी प्रकार समाज सुधार के लिए वर्षों पूर्व प्रारम्भ से ही सुधार समाज के नाम से एक स्थायी समिति का गठन किया गया था और अब इस विभाग में अलग से एक महिला विभाग बनाया गया है।
इस से काम का दायरा और बढ़ गया, और इसका फायदा भी हुआ ,लेकिन कुछ महीने पहले महिला विभाग के विस्तार और सक्रियता के चलते ऑल इंडिया मुस्लिम महिला पर्सनल लॉ बोर्ड की स्थापना हुई। अल्हम्दुलिल्लाह, गत 5 फरवरी 2023 में सभी सदस्यों की सलाह से यह निर्णय लिया गया कि इस विशाल देश में महिला विभाग को कम से कम चार भागों में विभाजित किया जाना चाहिए और इस विभाजन का अधिकार आम सहमति से अध्यक्ष और महासचिव को दिया गया है।
इसलिए इस विभाग को चार भागों में विभाजित कर अलग अलग संयोजक नियुक्त किया गया है जिसके अनुसार पश्चिम भारत (राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र एवं मध्य प्रदेश आदि) सुश्री उज्मा आलम साहिबा, उत्तर भारत एवं अन्य पूर्वी राज्यों के लिए (दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, आदि) के लिए आतिया सिद्दीका साहिबा, दक्षिण भारत (तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, आदि) के लिए उम्मतुल वहीदा फ़ाख़ेरा अतीक साहिबा को संयोजक नियुक्त किया गया है