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मस्जिद में जाकर नमाज़ पढ़ सकती हैं मुस्लिम महिलाएं: तेलंगाना हाईकोर्ट

मस्जिद में जाकर नमाज़ पढ़ सकती हैं मुस्लिम महिलाएं: तेलंगाना हाईकोर्ट

हैदराबाद: तेलंगाना उच्च न्यायालय ने एक ऐतिहासिक फैसले में शिया मुसलमानों के अख़बारी संप्रदाय की महिलाओं को हैदराबाद के दारुलशिफा स्थित इबादत खाना में धार्मिक गतिविधियां संचालित करने के अधिकार की पुष्टि की है। यह फैसला ‘अंजुमने अलवी शिया इमामिया इथना अशरी अखबारी रजिस्टर्ड सोसाइटी’ द्वारा दायर रिट याचिका के जवाब में आया है, जिसमें महिलाओं को इबादत खाने में प्रवेश से वंचित करने को चुनौती दी गई थी।

तेलंगाना हाईकोर्ट ने हैदराबाद के इबादत खाना में महिलाओं के नमाज पढ़ने का अधिकार बरकरार रखा है। कोर्ट ने इस्लाम की पवित्र किताब कुरान का जिक्र करते हुए कहा कि उसमें इबादत खाना में महिलाओं के प्रवेश या प्रार्थना करने पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। अजमुन अल्वी शिया इमामिया इथना अशरी अखबरी सोसायटी ने तेलंगाना हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर हैदराबाद के दारुलशिफा में मौजूद इबादत खाना में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध के खिलाफ रिट पिटीशन फाइल की थी।

तेलंगाना हाईकोर्ट ने भारतीय संविधान के आर्टिकल 25 (1) का जिक्र करते हुए कहा कि यह आर्टिकल देश के सभी लोगों को अंतरात्मा की स्वतंत्रता और बिना किसी भेदभाव के अपने धर्म को मानने, आचरण करने और प्रचार करने का अधिकार देता है। कोर्ट ने आगे यह भी कहा, ‘हमने पवित्र किताब कुरान में कहीं नहीं पढ़ा कि महिलाओं का इबादत खाना में जाना या वहां नमाज पढ़ना प्रतिबंधित है।

आदेश में आगे कहा गया कि कोर्ट ने वक्फ बोर्ड के उस बयान पर भी गौर किया है, जिसमें कहा गया कि इबादत खाना महिलाओं और दोनों संप्रदायों समेत पूरे शिया समुदाय के लिए है। साल 2023 में अजमुन अल्वी शिया इमामिया इथना अशरी अखबरी सोसायटी तेलंगाना वक्फ बोर्ड से दारुलशिफा इबादत खाना में महिलाओं के प्रवेश और उन्हें वहां नमाज अदा करने की इजाजत दिए जाने की मांग की थी।

हालांकि, वक्फ बोर्ड की तरफ से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई, जिसके बाद सोसायटी ने तेलंगाना हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर महिलाओं के प्रवेश पर लगे प्रतिबंध को हटाए जाने की मांग की थी। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में महिलाओं के प्रवेश को बरकरार रखा है।

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