दिल्ली में मुस्लिम वोटरों ने ओवैसी की पार्टी को नकारा
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे में बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिला है। दिल्ली में 11 विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां मुस्लिम वोटर निर्णायक भूमिका में रहते हैं। इन सभी सीटों पर 55 फीसदी से ज्यादा मतदान हुआ था। दिल्ली में आम आदमी पार्टी विधानसभा चुनाव हारने के बावजूद मुस्लिम बहुल सीटों पर बेहतर प्रदर्शन में कामयाब रही।
चुनाव के दौरान जिस तरह से मुस्लिम वोटों को लेकर प्रचार और अफवाह थी, उन सारी बातों का खंडन हो गया है। 7 मुस्लिम बहुल सीटों में 6 पर आप ने जीत दर्ज की है। इसमें आप के बड़े नेता गोपाल राय और अमानतुल्लाह खान की जीत भी शामिल है। सबसे बड़ी बात ये है कि असद्दुदीन ओवैसी की पार्टी जिन उम्मीदों के साथ लड़ने आई थी, उसे नाउम्मीदी हासिल हुई है।
दिल्ली में करीब 30 फीसदी मुस्लिम मतदाता हैं। करीब 10 सीटों पर उनके वोट नतीजे को प्रभावित करते हैं। इनमें 7 सीटें ऐसी हैं, जहां मुस्लिम मतदाता बाकियों के मुकाबले ज्यादा हैं। एआईएमआईएम के लिए चुनाव नतीजे निराशाजनक हैं। ये सिर्फ वोट कटवा बनकर रह गईं। वहीं, बीजेपी को इस लड़ाई का फायदा मिला, जो मुस्लिम बहुल इलाकों में तीन सीटें जीतने में सफल रही।
मुस्तफाबाद विधानसभा सीट बीजेपी के मोहन सिंह बिष्ट ने 17578 वोटों से जीती है। उन्हें 85215 वोट मिले। दूसरे नंबर आम आदमी पार्टी के अदील अहमद खान रहे जिन्हें 67637 वोट मिले। लेकिन इसी सीट पर तीसरे नंबर पर ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के उम्मीदवार ताहिर हुसैन को 33474 वोट मिले। ताहिर हुसैन पहले आप में ही थे। लेकिन उत्तर पूर्वी दंगों में पुलिस ने उन्हें आरोपी बनाया था और उन्हें गिरफ्तार किया था।
ताहिर को आप ने टिकट नहीं दिया। ताहिर को ओवैसी की पार्टी ने टिकट दे दिया। ताहिर भले नहीं जीते लेकिन ओवैसी की पार्टी ने बीजेपी की राह आसान कर दी। क्योंकि मुस्तफाबाद मुस्लिम बहुल विधानसभा क्षेत्र है। ओवैसी और बीजेपी ने यहां जमकर हिन्दू-मुस्लिम ध्रुवीकरण का खेल खेला। कांग्रेस अतीत में यहां जीतती रही है। लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी अली मेंहदी चौथे नंबर पर चले गये, उन्हें सिर्फ 11763 वोट मिले।