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सीपीआईएम के अगले राष्ट्रीय महासचिव बन सकते हैं मोहम्मद सलीम 

सीपीआईएम के अगले राष्ट्रीय महासचिव बन सकते हैं मोहम्मद सलीम 

सीताराम येचुरी के निधन के बाद भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के नए राष्ट्रीय महासचिव के चयन का मामला काफी महत्वपूर्ण है। पार्टी नेतृत्व ने किसी को कार्यवाहक महासचिव बनाने के बजाय पूर्व महासचिव प्रकाश करात को समन्वयक बनाया है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक सीपीआईएम इस पद के लिए मोहम्मद सलीम का चयन करना चाहती है क्योंकि मोहम्मद सलीम इस समय बंगाल सीपीआईएम के राज्य सचिव हैं और पार्टी को आगे बढ़ाने के लिए काफी मेहनत कर रहे हैं। अगर वह दिल्ली जाते हैं, तो बंगाल में संकट उत्पन्न हो सकता है।

मोहम्मद सलीम के दिल्ली जाने की खबरों के बीच बंगाल सीपीआईएम में यह चर्चा शुरू हो गई है कि उनके जाने के बाद राज्य संगठन की जिम्मेदारी कौन संभालेगा? बंगाल में लगातार चुनावों में सीपीएम जिस तरह से अपनी स्थिति मजबूत नहीं कर पाई है, उससे पार्टी के भीतर यह बात स्पष्ट है कि सीपीएम अभी भी जमीनी ताकत हासिल करने में विफल रही है। मोहम्मद सलीम के राज्य सचिव बनने के बाद भी लोकसभा चुनावों में पार्टी ने बेहतर प्रदर्शन नहीं किया है। हालांकि, मोहम्मद सलीम सीपीआईएम की कमान संभालने के बाद पार्टी के कैडर को सक्रिय करने में सफल रहे हैं। वह युवा पीढ़ी को पार्टी में आगे लाने में भी सफल रहे हैं।

मार्च 2022 में मोहम्मद सलीम को सीपीएम का राज्य सचिव बनाया गया था। इसके बाद से ही उन्होंने युवा पीढ़ी के नेताओं को महत्व देना शुरू कर दिया। सीपीएम की पारंपरिक सोच को तोड़ते हुए मोहम्मद सलीम ने खुलकर कहा कि मीनाक्षी मुखर्जी पार्टी का चेहरा हैं। यदि सलीम दिल्ली छोड़ देते हैं, तो सीपीएम में यह चर्चा भी शुरू हो गई है कि क्या युवा पीढ़ी के नेताओं को संगठन में खुला अवसर मिलेगा या नहीं। पार्टी के नेताओं का मानना है कि येचुरी के निधन से सीपीएम में अखिल भारतीय स्तर पर एक खालीपन आ गया है। येचुरी के बाद महासचिव पद के लिए पार्टी में नेतृत्व संकट पर भी चर्चा हो रही है। पार्टी के सूत्रों के मुताबिक मोहम्मद सलीम को समय देने के लिए करात को समन्वयक बनाया गया है।

पिछले राज्य सम्मेलन से पहले कई नेताओं ने सृदीप भट्टाचार्य को राज्य सचिव बनाने में रुचि दिखाई थी। बिमान बोस खुद सबसे ज्यादा सृदीप के पक्ष में थे। लेकिन राज्य सम्मेलन के अंतिम चरण में सलीम को राज्य सचिव के रूप में चुना गया। उस समय दिल्ली के नेताओं ने तर्क दिया था कि राज्य सचिव पोलित ब्यूरो के सदस्यों में से बनाया जाना चाहिए। चूंकि सृदीप पोलित ब्यूरो में नहीं थे, इसलिए उन्हें बाहर करना पड़ा।

पोलित ब्यूरो में सलीम के अलावा बंगाल से राम चंद्र डोम और सूर्यकांत मिश्रा भी हैं। इस बार सूर्यकांत मिश्रा को उम्र की पाबंदियों की वजह से पोलित ब्यूरो और केंद्रीय समिति से बाहर रखा जा सकता है। मगर सवाल यह है कि उनकी जगह पोलित ब्यूरो का सदस्य कौन बनेगा। यदि सलीम दिल्ली का चार्ज संभालने पर राजी हो जाते हैं, तो वह पार्टी कांग्रेस से यह जिम्मेदारी लेंगे। इससे पहले फरवरी में सीपीएम का राज्य सम्मेलन आयोजित होगा। सीपीएम में कई लोगों के अनुसार, सलीम ने अखिल भारतीय जिम्मेदारी लेने पर सहमति दे दी है।

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