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सेना और ब्यूरोक्रेसी को राजनीति से दूर रखे मोदी सरकार: खड़गे

सेना और ब्यूरोक्रेसी को राजनीति से दूर रखे मोदी सरकार: खड़गे

भारतीय सेना ने छुट्टी पर गए अपने सभी जवानों को सोशल सर्विस और सरकारी स्कीम का अपने नगर में प्रचार करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। सेना जवानों को छुट्टी के दौरान सामाजिक कार्यक्रमों में शामिल होने का सुझाव दे रही है। इन सभी सामाजिक कार्यक्रमों में स्थानीय लोगों को ‘स्वच्छ भारत अभियान’ और ‘सर्व शिक्षा अभियान’ जैसी सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी देना शामिल है।

इस विवादित आदेश पर अब सियासत शुरू हो गई है। विपक्ष इसे लेकर सरकार पर हमलावर है। इस आदेश को सेना का राजनीतिकरण कहा जा रहा है। इस आदेश पर आपत्ति जताते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री को पात्र लिखा है। उन्होंने लिखा की ताजा आदेशों ने पूरी सरकारी मशीनरी को ऐसे काम पर लगा दिया है जैसे कि वे सत्तारूढ़ दल के एजेंट हों।

केंद्र की मोदी सरकार के विवादित आदेशों पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि भारत सरकार के अधिकारियों और सैनिकों के राजनीतिकरण किया जा रहा है। खड़गे ने कहा कि सरकार की सभी एजेंसियां, संस्थान और विभाग अब आधिकारिक तौर पर ‘प्रचारक’ हैं। खड़गे ने अपील की है कि इन्हें राजनीति से बाहर रखा जाए।

खड़गे ने यह भी कहा कि लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के मद्देनजर यह जरूरी है कि नौकरशाही और हमारे सशस्त्र बलों के राजनीतिकरण को बढ़ावा देने वाले आदेशों को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए। अपने दो पन्नों के पत्र में खड़गे ने कहा कि वह एक अत्यंत सार्वजनिक महत्व के मामले पर लिख रहे हैं जो न केवल ‘इंडिया’ पार्टी के लिए बल्कि बड़े पैमाने पर लोगों के लिए भी चिंता का विषय है।

उन्‍होंने कहा, ”उन्हें (सेना) सरकार की पिछले 9 वर्षों की उपलब्धियों को प्रदर्शित करने के लिए ‘रथप्रभारी’ के रूप में तैनात किया जाएगा। यह कोई संयोग नहीं है कि पिछले नौ साल आपके कार्यकाल के अनुरूप हैं। यह कई कारणों से गंभीर चिंता का विषय है। यह केंद्रीय सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1964 का स्पष्ट उल्लंघन है, जो निर्देश देता है कि कोई भी सरकारी कर्मचारी किसी भी राजनीतिक गतिविधि में भाग नहीं लेगा।

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