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मोदी मंत्रिमंडल की बैठक शाम को, होंगे कई अहम् फैसले

मोदी मंत्रिमंडल की बैठक शाम को, होंगे कई अहम् फैसले

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज शाम 4:30 बजे केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक होगी जिसमें कई अहम मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।

प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में केंद्रीय मंत्रिमंडल यूक्रेन समेत देश में बेकाबू महंगाई और कोरोनावायरस के फिर से बढ़ते मामलों पर चर्चा करेगा। भारत में एक बार फिर कोरोना के बढ़ते मामलों ने चिंता उत्पन्न कर दी है ।

देश में फिर से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं । पिछले 24 घंटे में देश भर में 1668 मामले सामने आए हैं इस प्रकार देश भर में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 4,30,18,032 हो गई है।

देशभर में पिछले 24 घंटे में कोरोना के कारण 4100 को की मौत हुई है वहीं सक्रिय मरीजों की संख्या अब भी 20 हज़ार के आसपास बनी हुई है। देशभर में कोरोना के कारण मरने वाले लोगों की कुल संख्या बढ़कर 5,20,885 हो गई है। कहा जा रहा है कि कई राज्यों ने बैकलॉग क्लियर किया है इसके कारण मरने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।

बात करें कोरोना वैक्सीननेशन की तो देश भर में अब तक 182.87 लोगों को कोविड-19 की वैक्सीन लग चुकी है। पांच राज्यों में चुनाव संपन्न होने के बाद महंगाई और पेट्रोल डीजल के दामों में बढ़ोतरी को लेकर भी इस बैठक में चर्चा की जा सकती है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को लोकसभा में पेट्रोल डीजल की कीमत और महंगाई पर कहा था कि भारतीय अर्थव्यवस्था पर वैश्विक स्थिति का असर पड़ रहा है। अभी युद्ध के हालात हैं और इसका असर सभी देशों पर पड़ा है, भारत भी इससे अछूता नहीं रह सकता।

निर्मला सीतारमण ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों का समर्थन करते हुए कहा था कि ऑयल कंपनियां महंगा तेल खरीदेंगी तो उन्हें इसका दाम भी बढ़ाना पड़ेगा। अभी युद्ध के कारण आपूर्ति लाइन भी बाधित चल रही है।

पेट्रोल डीजल के बढ़े दामों को उचित बताते हुए वित्त मंत्री ने कहा था कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के कारण सभी देशों पर इसका असर पड़ा है। इसके कारण वैश्विक स्तर पर तेल की आपूर्ति प्रभावित हुई है। देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर निशाना साधते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि 1951 में कोरियाई युद्ध के कारण पंडित जवाहरलाल नेहरू कह सकते थे कि इसका असर भारत में महंगाई पर पड़ सकता है, लेकिन आज विश्व स्तर पर जुड़ी हुई दुनिया में अगर हम कहें कि युद्ध हमें प्रभावित कर रहा है तो यह स्वीकार नहीं किया जाता।

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