वन मंत्रालय छिनने पर मंत्री नागर सिंह चौहान ने सांसद पत्नी संग इस्तीफे की धमकी दी
भोपाल: मध्य प्रदेश के अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री नागर सिंह चौहान ने सोमवार को वन एवं पर्यावरण विभाग से हटाए जाने के बाद अपने पद से इस्तीफा देने की धमकी दी है। वन एवं पर्यावरण विभाग मंत्रिपरिषद के नये सदस्य रामनिवास रावत को आवंटित किया गया है जो गत अप्रैल में कांग्रेस को छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। चौहान ने कहा कि अगर पार्टी संगठन के नेता उनकी चिंताओं पर ‘सकारात्मक’ प्रतिक्रिया देने में विफल रहे तो रतलाम से सांसद उनकी पत्नी अनीता सिंह चौहान भी इस्तीफा दे देंगी। नागर सिंह को पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान का करीबी माना जाता हैं।
मोहन यादव सरकार में बीती 8 जुलाई को कांग्रेस से आये पूर्व विधायक रामनिवास रावत को शामिल किया गया था। करीब 13 दिनों के बाद रावत को विभाग दिया गया। विभागों के नये सिरे से बंटवारा करते हुए मुख्यमंत्री ने रावत को वन पर्यावरण विभाग का दायित्व सौंपा है। रावत को मंत्री बनाये जाने के पूर्व तक यह महकमा झाबुआ जिले की अलीराजपुर के विधायक नागर सिंह चौहान के पास था।
विभागों में रद्दोबदल करते हुए मुख्यमंत्री ने उन्हें कम महत्व वाला अनुसचित जाति कल्याण विभाग सौंपा गया है। विभाग बदलने से चौहान बेहद खफा हैं। नागर सिंह की नाराजगी सोमवार को खुलकर सामने आ गई। उन्होंने मीडिया के सामने कहा, ‘मैं इस्तीफा दे दूंगा, क्योंकि मैं मंत्री रहते हुए आदिवासी हितों की रक्षा नहीं कर पा रहा।’ हालांकि, इसके तुरंत बाद उन्होंने सभी मीडियाकर्मियों को रोक लिया और बाइट सार्वजनिक करने से मना कर दिया।
बाद में उन्होंने कहा, ‘अभी इस्तीफे का मामला होल्ड पर है। वे पहले भोपाल में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करेंगे। उनकी बात नहीं सुनी जाती है तो इस्तीफा दे सकते हैं।’ बता दें, रविवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कैबिनेट में मामूली फेरबदल करते हुए रामनिवास रावत को वन एवं पर्यावरण मंत्री बनाया है। इस विभाग का प्रभार पहले नागर सिंह चौहान के पास था।
नागर सिंह चौहान के राजनीतिक विस्फोट के बाद मप्र भाजपा में शनाका खींचा हुआ है। संगठन डेमैज कंट्रोल और नागर सिंह की मान-मनोव्वल में जुट गया है। संसद का बजट सत्र आज से आरंभ हुआ है। अनिता सिंह चौहान बजट सत्र में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली में हैं। उनकी प्रतिक्रिया इस बारे में अभी नहीं मिली है। भाजपा के किसी बड़े नेता अथवा सरकार की और से भी इस बारे में कोई बयान सामने नहीं आया है।