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जेल से बाहर आए मनीष सिसोदिया पत्नी से नहीं मिल सके

जेल से बाहर आए मनीष सिसोदिया पत्नी से नहीं मिल सके

नई दिल्ली: दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आप नेता मनीष सिसोदिया अपनी पत्नी सीमा सिसोदिया से मिलने दिल्ली स्थित अपने आवास पर पहुंचे थे, लेकिन वह अपनी बीमार पत्नी से नहीं मिल सके।

दिल्ली हाई कोर्ट ने उन्हें आज सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक अपनी बीमार पत्नी से मिलने की अनुमति दी थी। लेकिन घर पहुंचने के बाद भी सिसोदिया अपनी पत्नी से नहीं मिल सके। इसके साथ ही कोर्ट ने अंतरिम जमानत पर फैसला सुरक्षित रख लिया है।

दरअसल, रविवार सुबह मनीष सिसोदिया के घर पहुंचने से पहले ही उनकी पत्नी सीमा सिसोदिया की तबीयत अचानक बिगड़ गई, जिसके चलते उन्हें तुरंत पास के एलएनजेपी अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराना पड़ा।

क्योंकि कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को केवल घर जाने की ही इजाजत दी थी, इसलिए वह अस्पताल में अपनी पत्नी से नहीं मिल सके। सिसोदिया दिल्ली पुलिस की सुरक्षा में अपने घर पर रहेंगे और उसके बाद वापस जेल चले जाएंगे।

हाई कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को यह कहते हुए फौरी राहत दी थी कि ‘सिसोदिया इस दौरान मीडिया से बात नहीं करेंगे। उन्हें केवल अपने परिवार के सदस्यों से बात करने की अनुमति होगी। इसके अलावा कोर्ट ने कहा कि वह मोबाइल और इंटरनेट का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे।

कोर्ट ने सिसोदिया से शनिवार शाम तक अपनी पत्नी की मेडिकल रिपोर्ट जमा करने को कहा है और वह पुलिस हिरासत में भी उनसे मिल सकते हैं। दरअसल, सिसोदिया ने पत्नी की तबीयत का हवाला देते हुए जमानत की अर्जी दी थी।

दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार (1 जून) को मामले की सुनवाई की। इस बीच, सिसोदिया के वकील ने कहा था कि जब दिल्ली के उपराज्यपाल ने प्रतिबंधित क्षेत्रों में शराब की दुकानें खोलने की अनुमति नहीं दी, तो नीति वापस ले ली गई, जिससे नुकसान हुआ।

उन्होंने आगे कहा कि ऐसे इलाकों में 10 साल पहले की नीति के तहत दुकानें खोली गई थीं। दूसरी ओर, ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने तर्क दिया कि अभियुक्तों द्वारा गलत कामों का खुलासा करने के कारण पॉलिसी वापस ली गई थी।

ईडी ने आप नेता मनीष सिसोदिया पर शराब नीति में कथित अनियमितताओं का आरोप लगाया है। ईडी का दावा है कि आबकारी नीति में बदलाव के दौरान अनियमितताएं हुईं और लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया था। सिसोदिया ने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, क्योंकि वे आबकारी विभाग के प्रभारी भी थे।

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