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मणिपुर एक बार फिर से हिंसा की चपेट में है: प्रियंका गांधी

मणिपुर एक बार फिर से हिंसा की चपेट में है: प्रियंका गांधी

कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने मणिपुर में एक बार फिर भड़की जातीय हिंसा पर केंद्र सरकार की आलोचना की है। उन्होंने सोमवार को एक ट्वीट करते हुए कहा कि मणिपुर पिछले करीब दो सालों से लगातार हिंसा, हत्या, बलात्कार और पलायन की त्रासदी झेल रहा है, लेकिन केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पूरे मामले से मुंह मोड़ लिया है।

प्रियंका गांधी ने लिखा, “मणिपुर एक बार फिर हिंसा की चपेट में है। करीब दो साल से राज्य के लोग हिंसा, हत्या, बलात्कार और पलायन झेल रहे हैं। सैकड़ों मौतें हो चुकी हैं, हजारों लोग बेघर हो चुके हैं। आखिर क्या कारण है कि केंद्र का शासन होने के बावजूद वहां शांति बहाली नहीं हो पा रही है? प्रधानमंत्री जी ने मणिपुर को उसके हाल पर क्यों छोड़ दिया है?”

कांग्रेस नेता ने यह भी पूछा कि जब केंद्र सरकार के पास कानून-व्यवस्था को नियंत्रित करने का पूरा अधिकार है, तो फिर शांति स्थापना में इतनी असफलता क्यों है? उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की उदासीनता और संवेदनहीनता के कारण मणिपुर की आम जनता को लगातार जान-माल का नुकसान उठाना पड़ रहा है।

प्रियंका गांधी का यह बयान ऐसे समय आया है जब हाल ही में मणिपुर के विभिन्न इलाकों में एक बार फिर से जातीय तनाव और हिंसा की खबरें आई हैं। बीते कुछ दिनों में कई घरों को आग के हवाले कर दिया गया, गोलियां चलीं और लोगों को जान बचाकर भागना पड़ा।

गौरतलब है कि मई 2023 से मणिपुर में कुकी और मेइती समुदायों के बीच गहरी जातीय दरारें हिंसक टकराव में तब्दील हो चुकी हैं। कांग्रेस, सिविल सोसायटी और मानवाधिकार संगठनों ने बार-बार मांग की है कि प्रधानमंत्री स्वयं मणिपुर जाकर स्थिति का जायजा लें और सभी पक्षों से संवाद करके स्थायी समाधान निकाला जाए, लेकिन अब तक कोई ठोस पहल नहीं हुई है।

कांग्रेस पार्टी इसे मोदी सरकार की ‘राजनीतिक असंवेदनशीलता’ का उदाहरण बता रही है और मांग कर रही है कि मणिपुर में तुरंत शांति बहाल करने के लिए एक सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए और विश्वसनीय कार्ययोजना लागू की जाए।

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