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कांग्रेस का खेल बिगाड़ने में जुटी ममता, यूपी के अलावा यह राज्य भी टीएमसी के निशाने पर

कांग्रेस का खेल बिगाड़ने में जुटी ममता, यूपी के अलावा यह राज्य भी टीएमसी के निशाने पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कांग्रेस के खिलाफ खुलकर मैदान में उतर गई हैं।

कांग्रेस को लेकर ममता बनर्जी और उनकी तृणमूल कांग्रेस के तेवर किसी से छुपे नहीं है। वहीं कांग्रेस की ओर से भी लगातार तृणमूल पर जवाबी हमले किए जा रहे हैं। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भाजपा को पराजित करने वाली तृणमूल कांग्रेस कभी कांग्रेस के साथ मिलकर भाजपा को सत्ता से बेदखल करने की बात करती थी लेकिन अब दोनों दल एक दूसरे के खिलाफ खुलकर बयानबाजी कर रहे हैं।

तृणमूल कांग्रेस पिछले कुछ समय से अपने आप को मजबूत विपक्ष के रूप में पेश करने के प्रयास में लगी हुई है और उसका यह प्रयास आने वाले दिनों में कई राज्यों के विधानसभा चुनाव का समीकरण बिगाड़ सकता है। तृणमूल कांग्रेस उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को समर्थन देने का अपना इरादा जाहिर कर चुकी है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी टीएमसी के तेवरों से साफ नजर आ रहा है कि यह दल अब आगे बढ़ना चाहता ह।

यूपी के अलावा तृणमूल कांग्रेस गोवा और मणिपुर में भी अपने पांव पसारने की तैयारी कर रही है जिसका सीधा नुकसान कांग्रेस को ही उठाना होगा। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन कर कुछ सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार सकती है। तृणमूल कांग्रेस का उद्देश्य विपक्ष की अन्य पार्टियों के साथ गठबंधन बनाकर कांग्रेस को अलग-थलग करने का संदेश देने का प्रयास माना जा रहा है।

पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के चुनाव मैदान में होने के बावजूद भी एनसीपी, झारखंड मुक्ति मोर्चा और समाजवादी पार्टी समेत कई विपक्षी दलों ने टीएमसी का समर्थन किया था जबकि कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल चुनाव में भाजपा के आक्रमक चुनाव प्रचार को देखते हुए अपने कदम पीछे खींचते हुए प्रचार को थोड़ा धीमा कर दिया था। पर तृणमूल के रवैए को देखते हुए कांग्रेस को ममता बनर्जी से ये उम्मीद नहीं है। कांग्रेस पार्टी के एक नेता के अनुसार गोवा और मणिपुर में तृणमूल कांग्रेस हमारे खिलाफ कोई कोर कसर नहीं छोड़ने वाली।

2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव के नतीजों को देखते हुए अन्य विपक्षी दल भी पर्दे के पीछे रहकर तो कुछ दल खुलकर ममता बनर्जी के प्रयासों का समर्थन कर रहे हैं। उन्हें लगता है कि कांग्रेस बीजेपी को चुनौती देने की स्थिति में नहीं है। इसलिए मोदी के खिलाफ अब किसी दूसरे विपक्षी दल को मौका दिया जाना चाहिए।

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