सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: 2001 हत्या मामले में छोटा राजन की ज़मानत रद्द
सुप्रीम कोर्ट ने अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन को बड़ा झटका देते हुए उसकी ज़मानत रद्द कर दी है। यह मामला मुंबई के होटल व्यवसायी जया शेट्टी की 2001 में हुई हत्या से जुड़ा है। अदालत ने स्पष्ट कहा कि राजन पहले से ही न्यायिक हिरासत में है और दूसरे मामले में उम्रकैद की सज़ा काट रहा है।
न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की उस अपील को स्वीकार कर लिया जिसमें मुंबई हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी। पिछले साल 23 अक्टूबर को हाईकोर्ट ने राजन की उम्रकैद की सज़ा को निलंबित करते हुए उसे ज़मानत दे दी थी। सीबीआई ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
पीठ ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी की, “राजन 27 साल तक फरार रहा और चार मामलों में दोषी ठहराया जा चुका है। ऐसे व्यक्ति की सजा क्यों निलंबित की जाए?” जब राजन के वकील ने तर्क दिया कि, मामले में कोई ठोस सबूत नहीं है और 71 में से 47 मामलों में सीबीआई को राजन के खिलाफ कुछ नहीं मिला, तो अदालत ने कहा, “आपका नाम ही काफी है।”
राजन के वकील ने यह भी दलील दी कि उसे कई मामलों में बरी किया गया है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने जवाब दिया कि गवाह सामने न आने की वजह से बरी होना राहत नहीं माना जा सकता। अदालत ने साफ कहा कि हाईकोर्ट का आदेश उचित नहीं था और जमानत रद्द की जाती है।
गौरतलब है कि मध्य मुंबई के गामदेवी इलाके में स्थित गोल्डन क्राउन होटल के मालिक जया शेट्टी की 4 मई 2001 को हत्या कर दी गई थी। जांच में सामने आया कि छोटा राजन गिरोह के सदस्य हेमंत पुजारी ने शेट्टी से वसूली के लिए संपर्क किया था। पैसे न चुका पाने की स्थिति में गिरोह के दो शूटरों ने होटल की पहली मंजिल पर शेट्टी की गोली मारकर हत्या कर दी।
मई 2024 में विशेष अदालत ने राजन को इस हत्या का दोषी करार दिया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके बाद राजन ने हाईकोर्ट में अपील दायर कर सजा निलंबित करने और अंतरिम जमानत देने की मांग की थी। यह भी उल्लेखनीय है कि छोटा राजन पहले से ही वरिष्ठ पत्रकार जे डे की हत्या के मामले में उम्रकैद की सज़ा काट रहा है।

