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महाराष्ट्र के लिए महाविकास आघाड़ी का चुनावी घोषणापत्र जारी

महाराष्ट्र के लिए महाविकास आघाड़ी का चुनावी घोषणापत्र जारी

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान राज्य की समग्र विकास के लिए महाविकास आघाड़ी का चुनावी घोषणापत्र ‘महाराष्ट्रनामा’ रविवार को नरीमन पॉइंट स्थित होटल ट्राइडेंट में जारी किया गया। इस घोषणापत्र में एमवीए के सत्ता में आने के पहले 100 दिनों में किए जाने वाले कार्य और आगामी 5 वर्षों में किए जाने वाले कार्यों का विवरण दिया गया है।

इस ‘महाराष्ट्रनामा’ में महिलाओं को सालाना 500 रुपये में 6 सिलेंडर देने, महिलाओं पर अत्याचार रोकने के लिए ‘शक्ति एक्ट’ लागू करने, 300 यूनिट तक बिजली उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं को 100 यूनिट मुफ्त बिजली देने, महिलाओं को 3000 रुपये मासिक देने, नई औद्योगिक नीति में रोजगार के अवसरों पर ध्यान देने, सरकार के विभिन्न विभागों में ढाई लाख पदों की भर्ती एमपीएससी के माध्यम से कराने, सरकारी नौकरियों में कॉन्ट्रैक्ट सिस्टम खत्म करने और राज्य के नगरपालिका चुनावों का शेड्यूल तय करने के बाद चुनाव कराने जैसे कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई हैं।

इस मौके पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, एनसीपी की सांसद सुप्रिया सुले, शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत सहित एमवीए के अन्य प्रमुख नेता उपस्थित थे। चुनावी घोषणापत्र जारी करते हुए खड़गे ने कहा, “हम महाराष्ट्र की प्रगति के लिए ‘महाराष्ट्रनामा’ प्रकाशित कर रहे हैं। इसमें कई बातें हैं जिनमें से एक महत्वपूर्ण बात यह है कि हम डॉक्टर बाबासाहेब अंबेडकर की स्मारक का काम इंदू मिल में पूरा करेंगे। इसी तरह डॉक्टर बाबासाहेब अंबेडकर कॉरिडोर भी बनाया जाएगा।”

महाविकास आघाड़ी के चुनावी घोषणापत्र में शिव, शाहू, फुले और अंबेडकर के विचारों पर आधारित सरकार बनाने और 2030 तक महाराष्ट्र को खुशहाल बनाने का संकल्प लिया गया है।

मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने संबोधन में आगे कहा कि महाराष्ट्र में सभी जातियों और धर्मों के लोग रोजगार, उत्पादन और निवेश के लिए आर्थिक राजधानी मुंबई की ओर देखते हैं। इसी तरह पूरे देश से लोग सपने लेकर मुंबई आते हैं और मुंबई उन्हें जगह देती है, उनके सपनों को हकीकत में बदलती है। महाराष्ट्र सामाजिक बदलाव में भी सबसे आगे है। महाराष्ट्र का चुनाव सिर्फ राज्य का नहीं बल्कि देश का भविष्य बदलने वाला चुनाव है। महाराष्ट्र की प्रगति के लिए किसानों, युवाओं और महिलाओं पर खर्च करना जरूरी है।

उन्होंने भाजपा गठबंधन की सरकार को विफल बताते हुए सत्ता से हटाकर महाविकास आघाड़ी की सरकार लाने की जनता से अपील की। इस मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री मोदी की उस समय की एक तस्वीर दिखाते हुए कहा कि उन्होंने उस वक्त के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को संविधान की लाल रंग की किताब सौंपी थी, और अब जब राहुल गांधी यही किताब दिखाते हैं तो इसे ‘अर्बन नक्सल’ का नाम दिया जा रहा है। क्या यह भाजपा की घबराहट नहीं है?

कांग्रेस के राज्य अध्यक्ष नाना पटोले ने इस मौके पर कहा कि महायुति सरकार को डेढ़ साल तक किसानों की याद नहीं आई, लेकिन अब चुनाव आते ही उन्हें किसानों की याद आ गई है और वे कर्जमाफी की बात करने लगे हैं। उन्होंने कहा कि इस सरकार को महंगाई, बेरोजगारी, महिलाओं और किसानों की सुध नहीं थी, लेकिन अब अपनी हार का डर देखते ही ये सब याद आने लगे हैं। अब समय आ गया है कि भाजपा की गठबंधन सरकार को गिराया जाए।

महाराष्ट्र कभी किसी का गुलाम नहीं रहा, ना कभी रहेगा: राउत
अपने संबोधन में शिवसेना के सांसद संजय राउत ने कहा, “महाराष्ट्र कभी किसी का गुलाम नहीं रहा, ना कभी रहेगा। हमारा चुनावी घोषणापत्र महाराष्ट्र की आत्म-सम्मान का प्रतीक है।” प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि ‘एक रहेंगे तो सुरक्षित रहेंगे’ का नारा देने वाले नरेंद्र मोदी जब तक महाराष्ट्र आते रहेंगे, तब तक महाराष्ट्र असुरक्षित रहेगा। प्रचार समिति की सदस्य वंदना चौहान ने चुनावी घोषणापत्र के बारे में विस्तृत जानकारी दी जबकि कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहेब थोरात ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में मल्लिकार्जुन खड़गे से पूछा गया कि महायुति ने जब 1500 रुपये महिलाओं को मासिक देने का ऐलान किया था तो विपक्ष की ओर से इसे सरकारी खजाने पर बोझ कहा गया था, ऐसे में एमवीए की सरकार 3000 रुपये और अन्य सुविधाएं कैसे देगी? इसके जवाब में कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि “हमें महाराष्ट्र की सत्ता सौंपी जाए फिर हम बताएंगे कि यह काम कैसे करेंगे। हम जो कर सकते हैं, उसी की गारंटी देते हैं, मोदी जी की तरह झूठ या चुनावी बातें नहीं करते।”

उन्होंने कर्नाटक का उदाहरण देते हुए वहां लागू की गई योजनाओं के बारे में बताया। इसी सवाल के जवाब में सुप्रिया सुले ने कहा कि “पुणे के एक रास्ते का बजट दोगुना हो गया है, मतलब साफ है कि भ्रष्टाचार रुकेगा तो विकास कार्य संभव हो सकेंगे और तेजी से पूरे किए जा सकेंगे।”

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