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महाराष्ट्र, हिन्दू बहुल ग्राम पंचायत का निर्णय, मस्जिद से नहीं उतारने देंगे स्पीकर

महाराष्ट्र, हिन्दू बहुल ग्राम पंचायत का निर्णय, मस्जिद से नहीं उतारने देंगे स्पीकर

मस्जिदों में अजान और लाउड स्पीकर के झगड़े की बीच महाराष्ट्र के हिंदू बहुल गांव ने सर्वसम्मति से फैसला लिया है कि उनके गांव में मौजूद एकमात्र मस्जिद से लाउडस्पीकर नहीं उतारा जाएगा।

स्थानीय निवासियों ने कहा है दिल जान उनकी दिनचर्या का हिस्सा है और गांव में इस से किसी को भी कोई दिक्कत नहीं है । महाराष्ट्र के मराठवाड़ा इलाके में जालना जिले में स्थित इस ग्राम पंचायत में 2500 की आबादी है जिसमें लगभग 600 मुस्लिम समुदाय के लोग हैं।

24 अप्रैल को पंचायत राज दिवस की अवसर पर संग्राम सभा का आयोजन हुआ जहां गांव वालों ने सर्वसम्मति से फैसला लिया केस नाम मसूद मसिक के स्पीकर नहीं उतारा जाएगा गांव के सरपंच ग्राम पाटिल ने कहा कि गांव में समस्त जातियों के लोग रहते हैं यहां 600 के लगभग मुसलमान हैं हम वर्षों से शांति और मेलजोल के साथ रहते हैं।

देश भर में क्या सियासत चल रही है इसका हमारे आपसी संबंधों और इस गांव पर कोई प्रभाव नहीं पड़ने वाला। हमने आपसी सहमति से निर्णय लिया है कि हमारे संबंधो, रीति-रिवाज पर कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए । अजान गांव वालों की जिंदगी का एक हिस्सा बन गई है, यह हमारी दिनचर्या का अंग है जिसके अनुसार हम अपने कार्य करते हैं।

ग्राम प्रधान राम पाटिल ने कहा कि सुबह की अजान के बाद गांव के लोग अपना काम शुरू कर देते हैं और ज़ोहर की अजान डेढ़ बजे होती है जिसके बाद खाने का अवकाश होता है ।

शाम 5 बजे की अजान दिन के खत्म होने का संकेत है वहीं शाम 7:00 बजे मगरिब की अजान रात के खाने का समय बताती है और फिर 8:30 बजे अज़ान होती है तो गांव के लोग सो जाते हैं।

गांव की एकमात्र मस्जिद के इमाम मौलवी जाहिर बेग मिर्जा ने ग्राम सभा में यहां तक कह दिया था कि अगर अज़ान से गांव में किसी को भी दिक्कत होती है तो हम लाउडस्पीकर की आवाज को कम कर देंगे ।

सरपंच पाटिल ने कहा कि गांव वाले सदैव ही आपसी सहयोग और मेल मिलाप के साथ जात पात से उपर उठकर एक दूसरे के समारोह में भाग लेते आए हैं। सांप्रदायिक सौहार्द को बनाए रखने के लिए ही महादेव मंदिर में सप्ताह भर चलने वाले समारोह में एक मुस्लिम युवक से झंडा फहराने की पहल की गई थी।

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