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महारष्ट्र लाड़ली बहन योजना: 14 हज़ार ‘लाड़ले भाइयों’ ने भी उठाया लाभ?

महारष्ट्र लाड़ली बहन योजना: 14 हज़ार ‘लाड़ले भाइयों’ ने भी उठाया लाभ?

एनसीपी (शरद पवार गुट) की कार्यकारी अध्यक्ष और सांसद सुप्रिया सुले ने महाराष्ट्र सरकार की ‘लाड़ली बहन योजना’ की सीबीआई जांच की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि महिलाओं के लिए शुरू की गई इस राज्य सरकार की योजना से करीब 14,000 पुरुषों ने फायदा उठाया और कुल मिलाकर 21 करोड़ रुपये की गड़बड़ी की गई है। सुप्रिया सुले ने सवाल उठाया कि इन पुरुषों का नाम लाभार्थियों की सूची में किसने और कैसे जोड़ा।

उन्होंने कहा, “जब सरकार मामूली आरोपों पर भी सीबीआई या ईडी जांच शुरू कर देती है, तो अब इस मामले में भी सीबीआई जांच का ऐलान होना चाहिए। मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए सुप्रिया सुले ने बताया कि अगस्त 2024 में शुरू की गई इस योजना के लाभार्थियों की सूची में लगभग 14 हज़ार पुरुष शामिल थे, जिन्हें लगभग 21 करोड़ रुपये वितरित किए गए। पुणे में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, “यह जानना ज़रूरी है कि इन पुरुषों का रजिस्ट्रेशन किस ठेकेदार ने कराया।”

इस बीच, महाराष्ट्र कांग्रेस के आधिकारिक X अकाउंट से 26 जुलाई को एक पोस्ट करते हुए सवाल उठाया गया कि “लाड़ली बहन योजना” का फायदा 14,298 लाड़ले भाइयों को भी मिला, यह योजना है या भ्रष्टाचार की दुकान? 21.44 करोड़ रुपये बर्बाद हुए। महायुति सरकार की भ्रष्ट नीति उजागर हो गई है।”

अजित पवार का जवाब:
राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यदि जांच में पुरुष दोषी पाए जाते हैं तो उनसे रक़म वापस ली जाएगी। उन्होंने कहा, “यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं के लिए है। यदि किसी पुरुष को इसका लाभ मिला है तो उससे अब तक दी गई राशि वसूली जाएगी। अगर वह सहयोग नहीं करता तो उस पर सख्त कार्रवाई होगी।” उन्होंने यह भी बताया कि कुछ ऐसी महिलाएं भी सूची में थीं जो नौकरी कर रही थीं — उन्हें अब लाभार्थी सूची से हटा दिया गया है।

महिला एवं बाल विकास मंत्री का बयान:
मंत्री अदिती ठाकरे ने अपने X (पूर्व ट्विटर) हैंडल से जानकारी दी कि आईटी विभाग के आंकड़ों के अनुसार 26.34 लाख लाभार्थी इस योजना के लिए अयोग्य पाए गए। इनमें कुछ पुरुष भी शामिल हैं, जिनके लाभ फिलहाल निलंबित कर दिए गए हैं। जिलाधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर योग्य लाभार्थियों को फिर से लाभ देना शुरू किया जाएगा।

ऑडिट में क्या सामने आया:
फ़र्ज़ी पंजीकरण के कारण पहले ही साल में सरकार को 1640 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। सबसे बड़ा दुरुपयोग एक ही परिवार से तीसरी महिला द्वारा आवेदन कर के हुआ, जिससे 1196 करोड़ का घाटा हुआ। 65 साल से अधिक उम्र की 2.87 लाख महिलाओं को भी लाभ मिला, जबकि वे पहले से अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ ले रही थीं — इससे 431.7 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।फोर-व्हीलर रखने वाले परिवारों की 1.62 लाख महिलाएं भी लाभार्थी पाई गईं, जबकि वे इसके लिए पात्र नहीं थीं। जून 2025 से कुल 26.34 लाख महिलाएं अयोग्य घोषित की जा चुकी हैं।

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