नफ़रत के ख़िलाफ़ महाराष्ट्र कांग्रेस, 8 मार्च को सद्भावना पदयात्रा निकालेगी
राज्य में नफ़रत के माहौल को खत्म कर भाईचारे की भावना को बढ़ावा देने और जनता में जागरूकता लाने के उद्देश्य से, महाराष्ट्र कांग्रेस की ओर से अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (8 मार्च) के अवसर पर बीड जिले में ‘सद्भावना पदयात्रा’ निकाली जाएगी। इसी तरह, राज्य के अन्य जिलों में भी यह यात्रा आयोजित करने की घोषणा महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने की। जब उनसे यह सवाल किया गया कि, क्या मीरा रोड और मलाड-मालवणी जैसे क्षेत्रों में भी यह पदयात्रा निकाली जाएगी? तो उन्होंने जवाब दिया, “यह यात्रा सभी शहरों और सभी इलाकों में निकाली जाएगी।”
‘भारत जोड़ो यात्रा’ की तर्ज पर ‘सद्भावना पदयात्रा’
इस यात्रा की विस्तृत जानकारी देने के लिए तिलक भवन (दादर) में कांग्रेस कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में हर्षवर्धन सपकाल ने कहा, महाराष्ट्र को, छत्रपति शिवाजी महाराज, और साहू जी महाराज, क्रांति सूर्य महात्मा फुले, बाबा साहब आंबेडकर, जगतगुरु संत तुकाराम महाराज, ज्ञानेश्वर माउली, संत गाडगे महाराज और राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज जैसे महान संतों के विचारों की विरासत मिली है। प्रगतिशील सोच रखने वाले महाराष्ट्र ने हमेशा देश को दिशा दी है, लेकिन बीते कुछ दिनों से राज्य में शांति भंग होती दिख रही है।”
उन्होंने आगे कहा कि महाराष्ट्र की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं को ध्यान में रखते हुए, वर्तमान हालात में भाईचारे और सामाजिक समरसता को बढ़ाने की सख्त जरूरत है। इसी कारण कांग्रेस पार्टी ने ‘सद्भावना पदयात्रा’ निकालने का निर्णय लिया है।
‘सद्भावना पदयात्रा’ क्यों आवश्यक है?
उन्होंने कहा, “आजादी से पहले से ही कांग्रेस पार्टी के डीएनए में समाजवाद मौजूद है। सामाजिक समरसता की यही विरासत हमारे संविधान में भी दर्ज है। एक तरफ हमारी संस्कृति, परंपराएं और गौरवशाली इतिहास हैं, तो दूसरी तरफ कुछ लोग अपने स्वार्थ के लिए जातिवाद का जहर फैला रहे हैं, जिससे समाज विभाजित हो रहा है। यह महाराष्ट्र के हित में नहीं है।”
महिला दिवस के अवसर पर बीड से यात्रा की शुरुआत
बीड जिले का इस यात्रा में विशेष रूप से उल्लेख किया गया, क्योंकि वहां पुरुष और महिलाओं की आबादी के अनुपात में भारी असंतुलन है। इस जिले में लड़कियों की हत्या (भ्रूण हत्या) एक गंभीर समस्या रही है। इसी वजह से अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (8 मार्च) के अवसर पर ‘सद्भावना पदयात्रा’ की शुरुआत बीड जिले से की जाएगी।
यात्रा की शुरुआत से पहले भगवानगढ़ और नारायणगढ़ में श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी। इसके बाद 8 मार्च की सुबह माजलगांव से यात्रा का शुभारंभ होगा। यात्रा नंदूरफाटा, येलंब, नेकनूर, मंजरसंबा और पाली गांव से होते हुए 51 किलोमीटर का सफर तय कर बीड शहर पहुंचेगी, जहां ‘सद्भावना सभा’ के साथ यात्रा का समापन होगा।
‘सद्भावना पदयात्रा’ सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि सामाजिक पहल है
हर्षवर्धन सपकाल ने स्पष्ट किया कि “‘सद्भावना यात्रा’ राज्य में सामाजिक समरसता और भाईचारे की भावना को पुनर्जीवित करने के लिए निकाली जा रही है। यह केवल एक राजनीतिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक सामाजिक पहल है, जिसकी इस समय महाराष्ट्र को बेहद जरूरत है।”