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नरसिंहानंद के भड़काऊ भाषण के कारण हिन्दू सेना की महापंचायत रोकी गई

नरसिंहानंद के भड़काऊ भाषण के कारण हिन्दू सेना की महापंचायत रोकी गई

हरियाणा के नूंह में हाल ही में हुई सांप्रदायिक हिंसा को लेकर दिल्ली के जंतर मंतर पर हो रही महापंचायत यति नरसिंहानंद सहित कुछ वक्ताओं द्वारा कथित तौर पर “भड़काऊ भाषण” देने के बाद पुलिस द्वारा रोक दी गई।

अखिल भारतीय सनातन फाउंडेशन और अन्य संगठनों द्वारा आयोजित ‘महापंचायत‘ को संबोधित करते हुए यति नरसिंहानंद ने कहा, ”अगर हिंदुओं की आबादी घटेगी और मुसलमानों की आबादी इसी तरह बढ़ेगी, तो हजारों साल का इतिहास खुद को दोहराएगा। फिर पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ जो हुआ वह यहां दोहराया जाएगा।

जब वो यह सब बोल रहे थे तो पुलिस ने उनसे भाषण रोकने को कहा। पुलिस ने कहा कि वो मंच पर नफरती भाषण नहीं दे सकते। पुलिस ने अदालत के निर्देश का हवाला भी दिया। पुलिस अधिकारियों ने वहां कहा- “आपसे, आयोजकों से, किसी विशेष धर्म के बारे में कुछ भी न कहने के लिए कहा गया था। इसके बावजूद आप इसका पालन नहीं कर रहे हैं, इसलिए यह ‘महापंचायत’ यहीं समाप्त कराई जा रही है।

पीटीआई के मुताबिक एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने आयोजकों से किसी विशेष धर्म के बारे में कुछ भी नहीं कहने को कहा था, फिर भी उन्होंने भड़काऊ भाषण दिए। जिसके बाद उन्हें इस कार्यक्रम को रोकने का निर्देश दिया गया।

यति नरसिंहानंद अपनी हेट स्पीच के लिए कुख्यात है। इससे पहले, डासना मंदिर के पुजारी को हेट स्पीच मामले में जमानत मिल चुकी है। उन पर हरिद्वार और दिल्ली में कई जगह हेट स्पीच का आरोप है। दिसंबर 2021 में हरिद्वार धर्म संसद में नरसिंहानंद के हेट स्पीच पर विश्वव्यापी प्रतिक्रिया हुई थी।

पिछले साल एक इंटरव्यू में, नरसिंहानंद ने कहा था कि जो लोग संविधान, सुप्रीम कोर्ट, राजनेताओं और सेना में विश्वास करते हैं वे “कुत्ते की मौत मरेंगे।” लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उसके उस बयान का जुलाई 2023 में संज्ञान लिया। न्यायपालिका के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी के लिए नरसिंहानंद के खिलाफ अवमानना ​​याचिका पर उसे नोटिस जारी किया गया। पिछले साल, नरसिंहानंद ने राष्ट्रपिता को अपशब्द कहा था।

 

 

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