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मध्य प्रदेश: 3 अल्पसंख्यक बच्चों को चप्पल से पीटा, ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने पर किया मजबूर

मध्य प्रदेश: 3 अल्पसंख्यक बच्चों को चप्पल से पीटा, ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने पर किया मजबूर

सोशल मीडिया पर अल्पसंख्यक बच्चों पर हमले का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें 20 साल का एक युवक बच्चों को चप्पलों से पीटते हुए और उन पर सांप्रदायिक टिप्पणियाँ करते हुए दिख रहा है। इस वीडियो के सामने आने के बाद सभी उस युवक के विरुद्ध कठोर कार्यवाई की मांग कर रहे हैं।

मध्य प्रदेश के रतलाम में एक चौंकाने वाली घटना में तीन मुस्लिम बच्चों को बुरी तरह पीटा गया और उन्हें जबरन ‘जय श्री राम’ का धार्मिक नारा लगाने पर मजबूर किया गया। बताया जा रहा है कि यह घटना अमृत सागर गार्डन में हुई। यह वीडियो 6 दिसंबर, शुक्रवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें एक युवक को बच्चों को चप्पल से पीटते और उन पर सांप्रदायिक गालियाँ देते हुए देखा जा सकता है।

डरे हुए बच्चों को अपनी रिहाई की गुहार लगाते और मदद के लिए चीखते हुए देखा गया। हालांकि, वह युवक, जो संभवतः एक किशोर है, लगातार उन्हें थप्पड़ मारते हुए और जोर-जोर से नारा लगाने के लिए मजबूर करता रहा। शुरुआत में वह अपने हाथों से बच्चों को मारता है, लेकिन बाद में चप्पल का इस्तेमाल कर उन्हें पीटता है, जबकि उनमें से एक दर्द में “अल्लाह” का नाम लेता है।

गुस्सा और प्रतिक्रिया
इस घटना ने व्यापक आक्रोश को जन्म दिया है। कार्यकर्ताओं और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने वीडियो में दिखाए गए अत्याचार की कड़ी निंदा की है। लोगों ने दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की है और यह भी कहा है कि ऐसे हमले न तो संयोगवश हैं और न ही अनियोजित। इसके बहाने, अल्पसंख्यक समुदायों को जानबूझकर डराने के लिए किया जाता है। अक्सर ये हमले ‘जय श्री राम’ के नारे के तहत किए जाते हैं।

लोगों का मानना है कि, “जय श्री राम” का नारा एक धार्मिक नारा है। इस नारे का उपयोग नफ़रत या साम्प्रदायिकता बढ़ाने के लिए नहीं किया जा सकता। यह नारा लगाने के लिए न किसी पर अत्याचार किया जा सकता है और न ही किसी को विवश किया जा सकता है। यह आस्था का मामला है। जबरन नारा लगवाना या इस नारे के बहाने अत्याचार करना मानवता के विरुद्ध है।

वीडियो वायरल होने के बाद, रतलाम पुलिस ने नाबालिगों को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया और उन्हें सुधार गृह भेज दिया। यह घटना समाज के भीतर बढ़ती दुश्मनी और आक्रामकता को दर्शाती है। यह घटना हालिया सांप्रदायिक बयानबाजी के माहौल के बीच सामने आई है।

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