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वामपंथी और भाजपा बंगाल की छवि को नष्ट करने की योजना बना रहे हैं: ममता बनर्जी

Kolkata: West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee attends a press conference, in Kolkata, Monday, Feb 18, 2019. (PTI Photo) (PTI2_18_2019_000161B)

वामपंथी और भाजपा बंगाल की छवि को नष्ट करने की योजना बना रहे हैं: ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में विरोध-प्रदर्शन के दौरान आधी रात को हुड़दंग करने के मामले में ममता बनर्जी ने वामपंथी दल और बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने गुरुवार को अस्पताल परिसर में हुई तोड़फोड़ में माकपा और भाजपा के कार्यकर्ताओं का हाथ होने का आरोप लगाया।

ममता बनर्जी ने पहले भी अपनी सरकार के खिलाफ साजिश रचने के लिए ‘बाम’ (वामपंथी) और ‘राम’ (भाजपा) को दोषी ठहराया है। उन्होंने कहा, ‘मैंने वामपंथियों और भाजपा के झंडे देखे… जिस तरह से उन्होंने पुलिस पर हमला किया। मेरे एक प्रभारी अधिकारी एक घंटे तक लापता रहे। बाद में उन्हें घायल अवस्था में पाया गया।’

बहरहाल, अब मुख्यमंत्री ने विपक्षी दलों पर ही आरोप लगाया है। राज्यपाल से मुलाकात के बाद प्रेस से बात करते हुए ममता बनर्जी ने दावा किया कि प्रशिक्षु डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान अस्पताल परिसर में तोड़फोड़ करने वाले लोग बाहरी थे और वामपंथी और भाजपा के झंडे लेकर चल रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा, “मुझे जानकारी मिली है कि बाहरी लोगों, ‘बाम और राम’ के कुछ राजनीतिक पार्टी कार्यकर्ताओं ने यह किया है। इसमें छात्रों की कोई भूमिका नहीं है। मैं इस घटना की निंदा करती हूं और कल (बलात्कार के आरोपियों के लिए) फांसी की सजा की मांग को लेकर एक रैली निकालूंगी।”

बता दें कि, अज्ञात लोगों के एक बड़े समूह ने बुधवार देर रात 12.40 बजे कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में धावा बोल दिया था। इन हुड़दंगियों ने प्रशिक्षु डॉक्टर की 9 अगस्त के बलात्कार और हत्या के खिलाफ जूनियर डॉक्टरों के आंदोलन के बीच अस्पताल की संपत्ति में तोड़फोड़ की थी। इसको लेकर आरोप-प्रत्यारोप लगे। विरोधियों ने आरोप लगाया कि यह सब सत्ता पक्ष के इशारे पर कराया जा रहा है। टीएमसी सरकार ने इन आरोपों को खारिज किया।

ममता बनर्जी ने कहा कि अस्पताल में हुई तोड़फोड़ के कारण मरीजों को बाहर जाना पड़ा। रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा, ‘कई मरीज बिना इलाज कराए अपने गांव लौट रहे हैं। मुझे पता चला है कि कुछ की मौत हो गई है। लेकिन कुछ वरिष्ठ (डॉक्टर) सेवा कर रहे हैं। हमने हर मांग को पूरा किया है।’

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