लखबीर के समर्थन में आए किसानों पर लाठीचार्ज,
सिंघु बॉर्डर पर हुई लखबीर सिंह की हत्या का मामला गर्माता नज़र आ रहा है यूपी और उत्तराखंड से भारी तादाद में किसान सिंघु के लिए निकल चुके हैं. फ़िलहाल सभी किसानों को नरेला पर रोक दिया गया है. पुलिस ने हल्का बल प्रयोग करते हुए किसानों को आगे जाने की इजाजत नहीं दी है.
बता दें कि निहंगों ने बड़ी ही बेरहमी से लखबीर सिंह की हत्या कर दी थी. इस मामले में कई लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है, लेकिन अब ये मामला तूल पकड़ता दिख रहा है.
लेकिन पुलिस का मानना है कि दूसरे किसानों का यूं सिंघु बॉर्डर पर पहुंचना टकराव को और ज्यादा बढ़ा सकता है. कई महीनों से किसान सिंघु बॉर्डर पर अपना विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, ऐसे में अब दूसरे राज्यों के किसानों का वहां पहुंचना स्थिति को नियंत्रण से बाहर कर सकता है. इसलिए अभी के लिए पुलिस ने यूपी-उत्तराखंड से किसानों के सिंधु बढ़ते जत्थे को नरेला पर रोक दिया है. लाठीचार्ज हुआ है, लेकिन पुलिस कह रही है कि स्थिति अब काबू में है.
लखबीर केस की बात करें तो पुलिस ने दो निहंगों को तो गिरफ्तार कर लिया था, वहीं दो ने सरेंडर कर दिया था. ऐसे में कुल चार लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. लेकिन इस मामले को लेकर अभी भी विवाद जारी है. लखबीर की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी सामने आ चुकी है. बताया गया है कि लखबीर के शरीर पर 36 चोट के निशान थे, उसे काफी बेरहमी से पीटा गया था.
अभी के लिए संयुक्त किसान मोर्चा ने खुद को इस विवाद से पूरी तरह दूर रखा है. वे निहंगों को भी अपने किसान आंदोलन का हिस्सा नहीं मान रहे हैं. लेकिन लखबीर के न्याय के लिए चुनावी रण बने उत्तराखंड और यूपी से किसान आना शुरू हो गए हैं.