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लखीमपुर-खीरी हिंसा के आरोपी आशीष मिश्रा को सुप्रीम कोर्ट से ज़मानत

लखीमपुर-खीरी हिंसा के आरोपी आशीष मिश्रा को सुप्रीम कोर्ट से ज़मानत

लखीमपुर-खीरी हिंसा: सुप्रीम कोर्ट ने 2021 के लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को नियमित जमानत दे दी है। हालांकि करीब तीन साल में 117 में से सिर्फ सात गवाहों से जिरह को लेकर गंभीर सवाल भी खड़ा किया है। शीर्ष अदालत ने जमानत अर्जी मंजूर करने के बाद उन्हें दिल्ली या लखनऊ में रहने का निर्देश दिया है। इससे स्पष्ट है कि वो लखीमपुर खीरी नहीं जा सकेंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा मामले पर ?
कोर्ट ने कहा कि सभी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए अंतरिम आदेश को पूर्ण बनाया गया है। हमें सूचित किया गया है कि 117 गवाहों में से सात की अब तक जांच की जा चुकी है। हमारे विचार में मुकदमे की कार्यवाही में तेजी लाने की जरूरत है। हम ट्रायल कोर्ट को निर्देश देते हैं कि लंबित मामलों को ध्यान में रखते हुए प्राथमिकता तय करें। कोर्ट ने निचली अदालत को मामले की सुनवाई में तेजी लाने और समयसीमा तय करने का निर्देश भी दिया है। कोर्ट ने गवाहों को प्रभावित न करने जैसे कई अन्य शर्तें भी आशीष मिश्रा को जमानत देने के फैसले के साथ लगाई हैं।

बता दें कि 2021 में कृषि कानूनों के खिलाफ लखीमपुर में भी किसान आंदोलन कर रहे थे। इस दौरान डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का लखीमपुर दौरा था। जिसका विरोध किसान कर रहे थे। तभी सूचना आई कि तिकुनिया थाना क्षेत्र में एक थार ने कई किसानों को रौंद दिया। इस हादसे में चार किसानों की मौत हो गई। जिसके बाद गुस्साए किसानोंने दो बीजेपी कार्यकर्ताओं की पीट-पीटकर हत्या कर दी। इस हादसे में एक पत्रकार की भी मौत हुई थी। आरोप है कि जिस थार गाड़ी से किसानों को रौंदा गया उसे अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष चला रहे थे।

घटना के तुरंत बाद, छह दिनों के भीतर आशीष मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया गया, पुलिस चार्जशीट से पता चलता है कि यह कृत्य पूर्व नियोजित था। घटनास्थल पर अराजकता के कारण तीन व्यक्तियों की मौत भी हुई, जिन्हें भीड़ ने उनके वाहनों से खींचकर पीटा, जिसके कारण अतिरिक्त कानूनी कार्यवाही हुई।

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