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लखीमपुर खीरी: किसानों और प्रशासन के बीच हुई सुलह

किसानों और प्रशासन के बीच हुई सुलह

उत्‍तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हिंसा के मामले में किसानों और प्रशासन के बीच सुलह हो गई है. मृतक किसानों के परिजनों को 45-45 लाख रुपये मिलेंगे.

ग़ौर तलब है कि सुलह में एक बात ये भी है कि हाईकोर्ट के रिटायर जज मामले की जांच करेंगे. घायलों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा. सरकार के वादे के बाद किसानों ने रविवार से जारी अपना आंदोलन समाप्‍त कर दिया है. लखीमपुर खीरी में रविवार को हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी.

सोमवार को मौके पर जाने की कोशिश करने वाले सभी प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं को रोक दिया गया अथवा हिरासत में ले लिया गया.हिंसा उस समय भड़की जब विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों के एक ग्रुप में टिकोनिया में केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा और यूपी के उप मुख्‍यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को रोकने की कोशिश की.

किसान, केंद्रीय मंत्री मिश्रा के हाल के एक भाषण से बेहद नाराज थे.किसानों का दावा है कि मंत्री के काफिले की एक कार के प्रदर्शनकारियों पर चढ़ने के बाद हिंसा भड़की. घटनास्‍थल से सामने आए वीडियो में आगजनी और कई वाहनों को आग लगाते हुए देखा जा सकता है. हिंसा की इस घटना में चार किसानों सहित आठ लोगों को जान गंवानी पड़ी है.

लखीमपुर खीरी की हिंसा की इस घटना के बाद ‘सियासी पारा’ चढ़ गया है. कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा किसानों से मिलने के लिए सोमवार सुबह लखीमपुर खीरी पहुंचने वाली थीं, लेकिन उन्हें हरगांव के पास हिरासत में ले लिया गया.

यूपी कांग्रेस ने ट्वीट कर बताया कि प्रियंका गांधी को हरगांव से हिरासत में ले करके सीतापुर पुलिस लाइन ले जाया जा रहा है. यूपी कांग्रेस ने आरोप लगाया कि प्रियंका गांधी से पुलिसकर्मियों ने जोर जबरदस्ती भी की, जिसका मुखर विरोध किया गया. प्रियंका गांधी ने यूपी पुलिस को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि वो ऐसे उन्हें साथ नहीं ले जा सकते. पहले वो अरेस्ट वारंट दिखाएं और फिर गिरफ्तार करके ले जाएं.

उधर, लखीमपुर खीरी कांड पीड़ितों से मिलने जा रहे समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को हिरासत में लिये जाने के विरोध में गौतमबुद्ध नगर के जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन करने जा रहे सपा के अनेक नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया.

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