कृषि कानूनों (Farm Laws) को रद्द कराने के लिए किसान पिछले दो महीने से आंदोलन कर रहे हैं सरकार ने भी इनके आंदोलन को खत्म कराने के लिए बातचीत के कई दौर रखे लेकिन बातचीत के ज़रिए बात नहीं बनी जिस वजह से आज तक सरकार और किसानों के बीच गतिरोध टूटने का नाम नहीं ले रहा है.
किसान इन कानूनों को रद्द कराना चाहते है और इससे कम किसी भी बात के लिए तैयार नहीं हैं, वहीं सरकार, किसानों की राय लेकर इन कानूनों में सुधारों की बात कर रही है. और वो इन क़ानूनों को रद्द न करने की बात पर तुली हुई है जबकि किसानों का दोटूक अंदाज में कहना है कि जब तक कानून वापस नहीं लिए जाते तब तक वे दिल्ली से वापस नहीं लौटेंगे.
किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने आज साफ़ किया कि ये आंदोलन अक्टूबर तक चलेगा. उन्होंने कहा कि किलेबंदी के बाद ‘रोटीबंदी’ करेगी इसी के विरोध में राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने रोटी खाकर प्रदर्शन किया. कहा कि सरकार खाने को तिजोरी में बंद करना चाहती है, इसलिए हम सड़क पर बैठकर खाना खा रहे हैं. साथ ही राकेश टिकैत ने इस विरोध के लिए जो जगह चुनी वहां पुलिस चेतावनी लिखी हुई थी.
जब पुलिस ने कहा कि धारा 144 लगी है। तो वहीं बैठकर खाना खाया @RakeshTikaitBKU तारबंदी बनाम रोटीबंदी। pic.twitter.com/8iriZcOa7O
— Ravish Ranjan Shukla (@ravishranjanshu) February 2, 2021
बता दें कि गाजीपुर बॉर्डर पर हजारों किसानों के साथ मोर्चा संभाले राकेश टिकैत को दूसरी दलों के नेताओं का भरपूर समर्थन मिल रहा है.
पीएम नरेंद्र मोदी ने शनिवार को सर्वदलीय बैठक में ये कहा था कि कृषि कानूनों को 18 माह तक स्थगित कर किसानों से चर्चा करने का सरकार का प्रस्ताव अभी भी बरकरार है.