किसानों को खट्टर की खरी खरी, हमने धैर्य रखा है, सीमा मत लांघो केंद्र सरकार के कृषि कानूनों काले कानून बताकर आंदोलनरत किसानों के विरोध को 7 महीने से अधिक का समय बीत गया है लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकला है।
किसानों के विरोध का सामना कर रहे हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अब आंदोलन कर रहे किसानो पर निशाना साधते हुए कहा है कि राजनेताओं ने धैर्य रखते हुए विरोध का सामना किया है लेकिन ‘किसी के लिए भी अपनी सीमा पार करना ठीक नहीं होगा।
मुख्यमंत्री खट्टर का यह बयान बुधवार को गाजीपुर में दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर कृषि कानून का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों और स्थानीय बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच झड़प के बाद सामने आया है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान शब्द पवित्र है और हर कोई इसके प्रति सम्मान रखता है। कुछ दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं के कारण यह शब्द ‘कलंकित’ हो गया है। बहनों-बेटियों की गरिमा छीन ली गई है, हत्याएं हो रही है और रास्ते ब्लॉक किए जा रहे हैं। मैं इस घटना को अलोकतांत्रिक मानते हुए इसकी निंदा करता हूं।
राजनेताओं को घर जाने पर किसानों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ रहा है इस सवाल पर खट्टर ने कहा कि सरकार चला रहे लोगों की राज्य के लोगों से मिलने की जिम्मेदारी है। हमने सब्र रखा है लेकिन वे धमकियां दे रहे हैं कि सीएम, डिप्टी सीएम गांवों का दौरा नहीं कर सकते। सरकार चलाने वालों की लोगो से मिलने और उनकी समस्याओं को जानने की जिम्मेदारी होती है। वे हमें कितना भी उकसा लें लेकिन हमने शांति बनाए रखी है।