चंडीगढ़ मुद्दे पर भगवंत मान पर बरसे खट्टर
चंडीगढ़ को लेकर पंजाब सरकार द्वारा विधानसभा में प्रस्ताव पास करने को लेकर हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि इस एकतरफा प्रस्ताव का कोई मतलब नहीं है। कर्मचारियों की मांग और हित को देखकर केंद्र सरकार ने यह निर्णय लिया है। चंडीगढ हरियाणा और पंजाब की राजधानी है और रहेगी भी।
चंडीगढ़ को लेकर एक नया विवाद छिड़ गया है जिस के चलते हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पंजाब सरकार पर जम कर बरसे निशाना हैं । पंजाब विधानसभा में प्रस्ताव पास करने को लेकर कहा कि चंडीगढ़ दोनों राज्यों हरियाणा और पंजाब की राजधानी है और रहेगी भी। दोनों राज्यों के बीच केवल चंडीगढ़ का ही मसला नहीं है, बल्कि कई और मुद्दे हैं। सीएम ने कहा कि केंद्र सरकार ने चंडीगढ़ के कर्मचारियों की मांग और उनके हित में केंद्रीय सेवा नियम लागू करने का निर्णय लिया है। पंजाब सरकार इस मसले पर जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने कहा कि इस फैसले से चंडीगढ़ के कर्मचारियों को काफी फायदा होगा। पहले हर आदेश के लिए चंडीगढ़ के कर्मचारियों को पंजाब सरकार पर निर्भर रहना पड़ता था। केंद्र से भत्ते या दूसरे लाभ के लिए आदेश होते तो पहले पंजाब नोटिफिकेशन जारी करता था। इसके बाद चंडीगढ़ में यह लागू होता। अब केंद्र जो नोटिफिकेशन करेगा, कर्मचारियों के लिए वह सीधे लागू हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि पंजाब ने अब तक भी कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग का लाभ नही दिया है जबकि हरियाणा ने 2016 में ही इसे लागू कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि चंडीगढ के कर्मचारी भी अभी तक इससे वंचित थे लेकिन अब नए नियम लागू होने के बाद उन्हें इसका लाभ मिल जाएगा।
इस के साथ उन्होँने यह भी कहा कि आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल को और भगवंत मान चंडीगढ़ के लोगो से माफ़ी मंगनी चाहिये उनका यह प्रस्ताव निन्दनीय है हम उसकी निंदा करते ।