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केरल को भूस्खलन के बारे में पहले ही चेतावनी दे दी गई थी: अमित शाह

केरल को भूस्खलन के बारे में पहले ही चेतावनी दे दी गई थी: अमित शाह

नई दिल्ली: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को संसद में कहा कि केरल सरकार को घटना से एक सप्ताह पहले 23 जुलाई को ही संभावित भूस्खलन और मौतों के बारे में चेतावनी दी गई थी। शून्यकाल और प्रश्नकाल के बाद, राज्यसभा ने वायनाड भूस्खलन पर सार्वजनिक महत्व के मामले के रूप में चर्चा करने के लिए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लिया। इस त्रासदी में 160 से अधिक लोगों की जान चली गई है।

गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में बयान दिया है कि केरल को भूस्खलन और संभावित मौतों के बारे में पहले ही चेतावनी दे दी गई थी। लेकिन केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने गृहमंत्री के दावों को खारिज कर दिया है और कहा है कि वायनाड भूस्खलन के लिए कोई रेड अलर्ट जारी नहीं किया गया था। इसके साथ ही एक अन्य बीजेपी नेता ने राहुल गांधी की संसद में मुद्दा नहीं उठाने के लिए आलोचना की। इस पर कांग्रेस ने कहा है कि त्रासदी पर कम से कम राजनीति नहीं की जानी चाहिए।

अमित शाह ने बुधवार को संसद में दावा किया कि केरल सरकार को 23 जुलाई को संभावित भूस्खलन के बारे में पहले ही चेतावनी दे दी गई थी। उन्होंने कहा कि दक्षिणी राज्य में भारी बारिश की भविष्यवाणी के बाद केंद्र ने एनडीआरएफ की नौ टीमें केरल भेजी थीं। अमित शाह ने संसद में कहा, ‘केरल में एनडीआरएफ की नौ टीमें पहले ही भेज दी गई थीं। केरल सरकार ने समय रहते लोगों को नहीं निकाला।’

केंद्रीय गृहमंत्री शाह ने केरल के वायनाड में भूस्खलन की घटना में जान गंवाने वालों के परिजनों और घायलों के प्रति संवेदना व्यक्त की। घटना पर चर्चा के दौरान राजनीतिक टिप्पणियों और दोषारोपण पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि देश में कोई गलत संदेश न जाए, इसके लिए वह कुछ बातें स्पष्ट करना चाहते हैं।

विपक्ष द्वारा केंद्र सरकार के अर्ली वर्निंग सिस्टम पर सवाल उठाने को लेकर अमित शाह ने कहा कि भारत सरकार ने 23 जुलाई को केरल सरकार को अर्ली वर्निंग दे दी थी। इसके बाद 24, 25 और फिर 26 जुलाई को कहा गया कि 20 सेमी से अधिक वर्षा होगी। भारी बारिश के साथ ही भूस्खलन की संभावना है। मिट्टी भी बह कर आ सकती है। लोग इसके अंदर दबकर मर भी सकते हैं।

शाह ने कहा कि केरल को जो अर्ली वार्निंग भेजी गई थी विपक्ष को उसे पढ़ने की जरूरत है। उन्हाेंने कहा कि देश में कई राज्य सरकारें ऐसी हैं जिन्होंने इस प्रकार की अर्ली वार्निंग का पालन करके जीरो कॅज्युलिटी आपदा प्रबंधन किया है। ओडिशा का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि उस समय वहां नवीन पटनायक की सरकार थी। गुजरात में साइक्लोन की चेतावनी के बाद वहां कोई जनहानि नहीं हुई।

शाह ने कहा कि अर्ली वार्निंग सिस्टम के लिए भारत सरकार ने 2014 के बाद दो हजार करोड़ रुपये खर्च किये हैं। उन्होंने कहा कि भारत का अर्ली वार्निंग सिस्टम दुनिया का सबसे बेहतर है। हम सात दिन पहले सभी राज्यों को अनुमान भेजते हैं। इसका आंकड़ा वेबसाइट पर उपलब्ध है।

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