Site icon ISCPress

पत्रकार हत्याकांड दुखद, इस पर राजनति नहीं होनी चाहिए: नीतीश

पत्रकार हत्याकांड दुखद, इस पर राजनति नहीं होनी चाहिए: नीतीश

बिहार: 18 अगस्त को सुबह 5 बजे रानीगंज थाना क्षेत्र में वार्ड संख्या 5 निवासी पत्रकार विमल यादव को घर के बाहर बुलाकर बदमाशों ने गोली मार कर हत्या कर दी थी। 2019 में पत्रकार के छोटे भाई की बदमाशों ने गोली मार कर हत्या कर दी थी। पत्रकार को भी कुछ दिन से हत्या की धमकी मिल रही थी। उल्लेखनीय है कि विमल यादव अपने भाई की मौत के मामले में एकमात्र गवाह थे।

अररिया के रानीगंज में पत्रकार विमल यादव हत्याकांड मामले में पुलिस ने अब तक 4 आरोपियों को अरेस्ट कर लिया है। पत्रकार के परिवार की ओर से 8 आरोपियों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार इस हत्याकांड के 2 आरोपी पहले से ही जेल में बंद है। बाकी 4 आरोपियों की तलाश में पुलिस छापेमारी कर रही है।

विपक्ष ने सरकार पर हमला बोला और दावा किया कि इस घटना से पता चलता है कि “बिहार में लोकतंत्र खतरे में है।” प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने आरोप लगाया, ”अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं जबकि बिहार में पत्रकारों और यहां तक ​​कि पुलिस कर्मियों सहित निर्दोष नागरिकों की हत्या की जा रही है।”

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे दुखद घटना बताया और कहा कि खबर सुनते ही उन्होंने तुरंत अधिकारियों को अपराध की जांच करने का निर्देश दिया। उन्होंने पटना में संवाददाताओं से कहा, ”किसी पत्रकार को इस तरह कैसे मारा जा सकता है।” नीतीश ने विपक्ष के आरोपों पर कहा कि वो पहले ये देखे कि इसमें सरकार ने फौरन क्या कार्रवाई की है। हर बात में राजनीति नहीं होना चाहिए। यह घटना दुखद है, इसमें तो बिल्कुल भी राजनीति नहीं होना चाहिए।

भाजपा ने कहा, “अररिया में जो हुआ वह वास्तव में दुखद है। लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद के नेतृत्व वाले ‘घमंडिया’ (अहंकारी) महागठबंधन के राज्य में सरकार बनने के बाद से ऐसी घटनाएं आम हो गई हैं।” भाजपा वही पार्टी है जो एक साल पहले तक राज्य में नीतीश कुमार की जेडीयू के साथ सत्ता साझा कर रही थी।

 

Exit mobile version