जेएनयू प्रशासन ने भूख हड़ताल पर बैठे छात्रों को बातचीत के लिए बुलाया
नई दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में छात्रों द्वारा जारी भूख हड़ताल को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने चिंता जताई है और छात्रों से अपील की है कि वे बातचीत के लिए आगे आएं और प्रदर्शन को खत्म करें। जेएनयू के कुलपति (वीसी) ने शुक्रवार को जेएनयू छात्र संघ (JNUSU) को ईमेल के ज़रिए यह आमंत्रण भेजा। उन्होंने छात्रों से कहा कि लंबी भूख हड़ताल से उनके स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान हो सकता है, और यह तरीका किसी भी समाधान तक नहीं ले जाता।
वीसी ने अपने ईमेल में लिखा कि भूख हड़ताल अब 15वें दिन में प्रवेश कर चुकी है, जबकि डॉक्टरों और मेडिकल टीम ने लगातार छात्रों को चेताया है कि इससे उनके दीर्घकालिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि छात्र कई बार प्रशासन से मिल चुके हैं, लेकिन उनकी मांगों को उसी रूप में मान लेना व्यावहारिक नहीं है।
छात्र संघ की प्रमुख मांगों में जेएनयू प्रवेश परीक्षा (JNUEE) को बहाल करना, शोध छात्रावासों की गारंटी देना, छात्रों पर लगाए गए अनुशासनात्मक कदमों को वापस लेना, और MCM (मेन्स कम मेरिट) स्कॉलरशिप में प्रस्तावित बदलावों को रोकना शामिल है।
प्रशासन का कहना है कि इन मांगों पर चर्चा की जा सकती है लेकिन इसके लिए हिंसारहित और संवादपूर्ण वातावरण ज़रूरी है। वहीं, हाल ही में कुछ छात्रों द्वारा विश्वविद्यालय परिसर में भारत के उपराष्ट्रपति के काफिले को रोकने की कोशिश की गई, जिसे प्रशासन ने अनुशासनहीन और अस्वीकार्य बताया है। प्रशासन ने सुरक्षा शाखा को इस घटना की जांच का आदेश भी दे दिया है।
जेएनयू प्रशासन ने दो टूक कहा है कि बातचीत के लिए दरवाज़े खुले हैं, लेकिन इसके लिए छात्रों को प्रदर्शन छोड़कर रचनात्मक संवाद की राह अपनानी होगी।

