अमित शाह एडिटेड वीडियो मामले में, जिग्नेश मेवाणी का PA और AAP नेता गिरफ्तार
अमित शाह फेक वीडियो केस में मंगलवार को गुजरात के अहमदाबाद से 2 लोगों को गिरफ्तार किया गया। एक आरोपी कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी का पीए और दूसरा AAP कार्यकर्ता है। इस केस में सोमवार को भी असम से एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया था।
फेक वीडियो को लेकर मंगलवार को गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस ने उनका फेक वीडियो बनाकर वायरल किया, वो जनता को गुमराह कर रही है। शाह असम के गुवाहाटी में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने ओरिजिनल और फेक वीडियो प्ले किया। गृह मंत्री ने कहा- दूध का दूध पानी का पानी हो गया है। हमारी पार्टी एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण के समर्थन में है। इन समुदायों के आरक्षण पर अगर किसी ने डाका डाला है तो वह कांग्रेस पार्टी ने डाला है।
PA की गिरफ्तारी पर जिग्नेश मेवाणी ने कहा, मैं किसी भी फेक चीज का समर्थन नहीं करता हूं। आज सोशल मीडिया का युग है। चुनाव के समय कोई प्रचार नहीं कर पाए, इसलिए लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है। उन्होंने कहा, बीजेपी का आईटी सेल फर्जी खबर चलाता है।
इससे पहले असम में अमित शाह के फर्जी वीडियो शेयर करने के मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। असम सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने बताया कि असम कांग्रेस के नेता रीतम सिंह को फर्जी वीडियो शेयर करने के मामले में गिरफ्तार किया गया है। असम सीएम ने बताया, रीतम सिंह कांग्रेस का वॉर रूम का संयोजक है।
फेक वीडियो को लेकर दिल्ली पुलिस में एक शिकायत भाजपा ने और दूसरी शिकायत गृह मंत्रालय ने की थी। भाजपा ने देशभर में FIR दर्ज कराने का फैसला किया है। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी को भी पूछताछ का नोटिस भेजा है।
बता दें कि, 27 अप्रैल को सोशल मीडिया पर अमित शाह का एक फेक वीडियो वायरल हुआ। इसे तेलंगाना कांग्रेस और CM रेवंत रेड्डी ने शेयर किया था। इसमें वे SC-ST और OBC के आरक्षण को खत्म करने की बात करते दिख रहे हैं। PTI के फैक्ट चैक यूनिट ने कहा कि मूल वीडियो में अमित शाह ने तेलंगाना में मुसलमानों के लिए असंवैधानिक आरक्षण हटाने की बात कही थी।